लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में पश्चिम बंगाल में भाजपा के दमदार प्रदर्शन व राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पार्टी के अपेक्षाकृत निर्बल प्रदर्शन के बाद पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के सीएम पद से इस्तीफे की शनिवार को पेशकश की लेकिन तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने इसे खारिज कर दिया।
ममता बनर्जी ने पार्टी के सभी उम्मीदवारों व वरिष्ठ नेताओं के साथ घंटे भर चली मीटिंग के बाद कहा, ‘‘मैं सीएम पद से त्याग पत्र देना चाहती थी। कुर्सी मेरे लिए कुछ नहीं। यद्यपि पार्टी ने उसे खारिज कर दिया। मुझे कुर्सी की आवश्यकता नहीं लेकिन कुर्सी को मेरी आवश्यकता है। ’’ उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने लोगों से किये गए सभी वादे सारे किये हैं। उन्होंने बोला कि वह अब अपनी पार्टी पर अधिक ध्यान देंगी।
भाजपा पर लगाए आरोप
ममता बनर्जी ने चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद पहला संवाददाता सम्मेलन संबोधित करते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने पश्चिम बंगाल में वोट प्राप्त करने के लिए लोगों का धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण किया। पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 18 पर जीत पंजीकृत करके तृणमूल कांग्रेस पार्टी को एक झटका दिया है। तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने 22 सीटें जीती हैं जो कि 2014 में जीती गई 34 सीटों से कम है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस पार्टी ने कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई वह सीटें जीत गई। मेरा मानना है कि मैंने लोगों के लिए अधिक किया है। अब मुझे अपनी पार्टी के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘धनबल व धार्मिक विभाजन ने बड़ा खेल खेला। प्रशासन को पिछले पांच महीनों से हिंदुस्तान के चुनाव आयोग ने अपने हाथ में ले लिया था। मैं ऐसे में सीएम कैसे रह सकती हूं? इसीलिए मैंने पद छोड़ने की पेशकश की। ’’
पिछली बार बीजेपी को दो सीटे मिलीं
उल्लेखनीय है कि भाजपा, बंगाल में तृणमूल के लिए चुनौती देने वाली मुख्य पार्टी के तौर पर उभरी है। पिछले आम चुनाव में बीजेपी को बंगाल में लोकसभा की दो सीटें मिली थीं।ममता ने बीजेपी के शानदार प्रदर्शन पर शक उत्पन्न किया। उन्होंने दावा किया, ‘‘यह बड़ी जीत शक से परे नहीं है। यह बहुत ज्यादा आश्चर्यजनक है कि कैसे विपक्ष का कई राज्यों में पूरी तरह से सफाया हो गया। ’’ उन्होंने दावा किया कि ईवीएम को इस तरह से कार्यक्रम किया गया था कि बीजेपी को एक लाख से अधिक वोट की बढ़त मिले।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हो सकता है कि इसमें विदेशी हाथ हो। करोड़ों रुपये खर्च करके वोट खरीदे गए। उत्तर बंगाल में हम असम से सीमा साझा करते हैं। प्रदेश के वित्त मंत्री (हेमंत दुनिया सरमा) यहां दो हफ्ते से बैठे हुए थे। वह यहां क्या कर रहे थे? बीएसएफ (बीएसएफ) मतदाताओं को ले गई व उनके लिए वोट करने के लिए बाध्य किया। चुनाव आयोग, चुनाव के मैच का ‘मैन आफ द मैच’ है। ’’ उन्होंने दोहराया कि हिंदुस्तान के चुनाव आयोग का रवैया ‘‘पक्षपातपूर्ण’’ था।
तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख ने यह भी बोला कि बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए प्रदेश में आपातकाल जैसी स्थिति बनाई। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी व बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, ‘‘राजीव गांधी को 400 सीटें मिली थीं। क्या वे संसद चला पाये? इसलिए ऐसा अहंकार अच्छा नहीं है। विपक्षी नेताओं ने जब सवाल उठाये तो उन्हें पाकिस्तानी बोला गया। ’’ उन्होंने बोला कि वे सांप्रदायिकता के विरूद्ध अपनी लड़ाई जारी रखेंगी।