ममता बनर्जी को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने किया ये बड़ा खुलासा , कहा – उन्हें फोन करके दिया…

चक्रवाती तूफान यास से हुए नुकसान का आकलन करने 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे। कहा गया कि बंगाल में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करीब 30 मिनट की देरी से पहुंचीं।

अलपन बंदोपाध्याय भी उनके साथ ही थे। जब इस मामले में ममता की निंदा होने लगी, तब उन्होंने मीडिया के सामने आकर सफाई दी। ममता ने कहा कि वे नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री 20 मिनट की देरी से आए, इसलिए उन्हें इंतजार करना पड़ा।

इससे पहले प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि वे मुख्य सचिव को रिलीव नहीं करेंगी। ममता ने पीएम को लिखे इस पत्र में अपील की थी कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली वापस बुलाने के आदेश को रद्द किया जाए। ममता ने कहा था, मुख्य सचिव को वापस बुलाने का एकतरफा आदेश कानूनी रूप से अस्थिर और पूरी तरह से असंवैधानिक है।

केंद्र और बंगाल सरकार में तनातनी के बीच प बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय 31 मई को रिटायर हो गए हैं। उन्होंने बंगाल सरकार द्वारा मिल रहे तीन महीने के सेवा विस्तार (एक्सटेंशन) को लेने से इनकार कर दिया थ। इस बीच ममता बनर्जी ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार बना लिया है।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट में कहा-रिकॉर्ड साफ रखने के लिए झूठी कहानी पेश की गई। 27 मई को रात 11 बजकर 16 मिनट पर ममता बनर्जी ने कॉल करके कहा था कि क्या मैं बात कर सकती हूं, यह जरूरी है।

इसके बाद जब फोन आया तो साफ संकेत दिया गया कि अगर यास को लेकर पीएम मोदी की आधिकारिक बैठक में सुवेंदु अधिकारी आते हैं, तो ममता और उनके अधिकारियों द्वारा इसका बहिष्कार किया जाएगा।

राज्यपाल ने यह ट्वीट ममता बनर्जी को भी टैग किया है। राज्यपाल ने कहा कि ममता ने अहंकार को लोकसेवा से ऊपर रखा है। बता दें कि बंगाल के चीफ सेक्रेट्री(अब रिटायर्ड) के मीटिंग में नहीं पहुंचने के बाद उन्हें दिल्ली तलब किया गया था। लेकिन 31 मई को उनके रिटायरमेंट के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार बना लिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग में देरी से पहुंचने वाली ममता बनर्जी को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक खुलासा किया है। राज्यपाल ने कहा कि ममता ने उन्हें फोन करके संकेत दिया था कि अगर मीटिंग में सुवेंदु अधिकारी आते हैं.

वे इसका बहिष्कार कर देंगी। चक्रवात ‘यास’ की समीक्षा बैठक से उठे ‘राजनीति तूफान’ का असर बंगाल से दिल्ली तक दिखाई दे रहा है। 28 मई को हुई प्रधानमंत्री की इस समीक्षा बैठक में न सिर्फ ममता बनर्जी, बल्कि चीफ सेक्रेटी(अब रिटायर) तक देरी से पहुंचे थे।