भारी संख्या में किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर शुरू किया ये , भागते नजर आए लोग

किसानों को मनाने और आंदोलन खत्म कराने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अलग-अलग राज्यों और यूनियनों की जिम्मेदारी दी गई है। ये दोनों सभी से अलग-अलग बात करेंगे। लेकिन, पंजाब के किसान नेताओं की जिम्मेदारी अमित शाह ने अपने पास रखी है।

 

वही, सूत्रों के मुताबिक किसान और सरकार एक बार फिर बातचीत के लिए रणनीति बनाने में जुटे हुए है। किसान नेताओं ने कहा है कि सरकार से चर्चा के लिए जाने वाले किसानों की संख्या कम की जाएगी।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें नजर रखने की जरूरत है, ताकि कोई गलत तत्व हमारे बीच न हो। वहीं शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूरे मुद्दे पर चर्चा की है और जल्द ही किसानों को बातचीत के लिए बुलाया जाएगा।

अभी तक शाह की किसानों के साथ एक ही बैठक हुई है, लेकिन अब हर मुद्दा वे खुद देख रहे हैं। इसे लेकर पिछले 2 दिन में शाह 5 से ज्यादा बैठक कर चुके हैं। सरकार हर राज्य के किसानों के लिए अलग स्ट्रैटजी बना रही है।

इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (भानू) के 3 नेताओं के इस्तीफे पर BKU के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि किसानों में कोई फूट नहीं है। जिन 3 नेताओं ने इस्तीफा दिया है, वे अपने संगठन के अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह से नाराज थे।

तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 19 वां दिन है। आज सभी किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर सुबह 8 से ही भूख हड़ताल जारी है।

किसानो ने ऐलान किया है कि ये भूख हड़ताल शाम 5 बजे तक जारी रहेगी। इसके अलावा सभी जिला हेडक्वार्टर पर प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं, राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर शाहजहांपुर में लगातार दूसरे दिन किसानों का धरना जारी है।