भारत से सीमा विवाद के बीच चीन ने उठाया ये बड़ा कदम, करने जा रहा…

हिंदुस्तान ने चीन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि नदी के ऊपरी भागों में होने वाली गतिविधियों से निचली हिस्से से जुड़े देशों के हितों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।

 

इस योजना के संबंध में विस्तृत सूचना अगले साल नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के जरिए औपचारिक अनुसमर्थन किये जाने के बाद सामने आने की आस है।

बता दें कि ब्रह्मपुत्र नदी भारत एवं बांग्लादेश से होकर गुजरती है. ऐसे में बांध निर्माण के प्रस्ताव से दोनों देशों की चिंताओं में वृद्धि हो चुकी हैं। हालांकि चीन ने सभी चिंताओं को खारिज करते हुए बोला है कि वह उनके हितों को भी ध्यान में रखेगा।

यांग के मुताबिक सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) देश की 14वीं पंचवर्षीय योजना (2021-25) तैयार करने के प्रस्तावों में इस परियोजना को सम्मिलित करने और 2035 तक इसके जरिये दीर्घकालिक लक्ष्य प्राप्त करने पर विचार कर चुकी है।

ख़बरों की माने तो, ‘पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना’ के अध्यक्ष यांग जियोंग ने कहा कि कि चीन ”यारलुंग जंग्बो नदी (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) के निचले भाग में जलविद्युत उपयोग परियोजना प्रारंभ करेगा एवं यह परियोजना जल संसाधनों तथा घरेलू सुरक्षा को मजबूत करने में मददगार हो सकती है।”

चीन जलविद्युत परियोजना के नाम पर ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर एक विशाल बांध बनाने जा रहा है। चीन की आधिकारिक मीडिया ने बांध तैयार करने का जिम्मा ले चुकी एक चीनी कंपनी के प्रमुख के हवाले से सूचना देते हुए कहा है कि चीन, तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक प्रमुख बांध बनाएगा।