भारत से तनातनी के बीच चीन ने तैनात किया परमाणु बॉम्बर, बिगड़ सकते हालात, दोगुना कर दिया…

2017 के बाद से चीन ने पिछले तीन साल में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे अपने इलाके में हवाई ठिकानों की संख्या को दोगुना कर दिया है. इसके अलावा भारतीय विमानों और मिसाइलों को मार गिराने के लिए एयर डिफेंस पोजिशन और हेलिपोर्ट की संख्या को भी बढ़ाकर दोगुना कर दिया है. चीन ने यह तैयारी लद्दाख में तनाव पैदा करने के ठीक पहले की जिससे उसकी मंशा अब खुलकर सामने आ रही है.

सिंच-ला के पश्चिम की तरफ चोटियों पर करीब 13 बिजली के खंभे भी देखे गए हैं. डोकलाम एक ट्राई जंक्शन है जहां भारत, चीन और भूटान की सीमा मिलती है. यह सामरिक रूप से अहम है क्योंकि अगर चीन इस इलाके में आगे आता है तो भारत के पूर्वी इलाके के लिए दिक्कत हो सकती है.

2017 में डोकलाम में ही भारत और चीन के बीच विवाद हुआ था और फिर 73 दिन के गतिरोध के बाद चीन के सैनिकों को पीछे हटना पड़ा था. खुफिया सूत्रों के मुताबिक चीन ने जून और जुलाई में डोकलाम के पास नए निर्माण काम किए हैं. अपनी गतिविधि बढ़ाई है. सिंच ला और टोरसा नाला के साथ साथ लगी दीवार पर काम आगे बढ़ा रहा है.

चीनी एच -6 के बॉम्बर को लंबी दूरी पर स्थित टारगेट को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह विमान परमाणु हमला करने में भी सक्षम है. चीन ने इस विमान को विशेष रूप से अमेरिका के गुआम बेस को निशाना बनाने के लिए शामिल किया है. इसके पिछले मॉडल में मिसाइल की क्षमता सीमित थी लेकिन इसे अपग्रेड कर अब और उन्नत बनाया गया है.

इससे पहले चीन ने इस घातक बॉम्बर की तैनाती अक्साइचिन के काशगर एयरबेस पर की थी. वैश्विक खुफिया निगरानी संस्था स्टार्टफोर की ओर से जारी एक रिपोर्ट में सैटलाइट तस्वीरों के हवाले से कहा गया है कि इस बॉम्बर के साथ केडी-63 लैंड अटैक क्रूज मिसाइल भी नजर आ रही है, इस मिसाइल की मारक क्षमता करीब 200 किलोमीटर है. इसके अलावा एयरबेस पर शियान वाई-20 मालवाहक सैन्य विमान भी नजर आ रहा है.

चीन अब भारत के पूर्वी हिस्से में तनाव का नया मोर्चा खोल रहा है. उसने भूटान से लगे डोकलाम के पास अपने एच-6 परमाणु बॉम्बर और क्रूज मिसाइल को तैनात किया है. चीन इन विनाशकारी हथियारों की तैनाती अपने गोलमुड एयरबेस पर कर रहा है. यह एयरबेस भारतीय सीमा से मात्र 1150 किलोमीटर दूर है.