भारत-पाक के बीच तनाव को कम करने के लिए इस दोतरफा रणनीति पर कार्य कर रहा अमेरिका

जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हिंदुस्तान  पाक के बीच तनाव को कम करने के लिए अमेरिका दोतरफा रणनीति पर कार्य कर रहा है. ट्रम्प प्रशासन केअधिकारी न बोला कि पहली रणनीति पाक पर दबाव डालना है, ताकि वह सीमा पार से घुसपैठ करने, खासकर कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय या अन्य सहायता देने से बचे.

अधिकारी के मुताबिक, दूसरी रणनीति हिंदुस्तान को जम्मू और कश्मीर में सामान्य स्थिति करने के लिए प्रोत्साहित करना है. साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि वहां के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा हो. सियासी कैदियों को रिहा किया जाए  संचार माध्यमों को फिर से प्रारम्भ किया जाए.

अमेरिकी सरकार के एक वरिष्ठ ऑफिसर ने बोला कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने  हिंदुस्तान पर हमला करने वाले आतंकवादी समूहों पर नकेल कसने के लिए पाक से कार्रवाई करने के लिए बोला है.

‘पाकआतंकी गतिविधियों के लिए अपनी मिट्‌टी का प्रयोग न होने दे’

रणनीति के पहले हिस्से को दर्शाते हुएएक अन्य ऑफिसर ने बोला कि भारत-पाक के बढ़ते तनाव के बीच यह जरूरी है कि इस्लामाबाद सीमा पार आतंकवाद के लिए अपनी मिट्टी का प्रयोग नहीं होने देने के लिएप्रतिबद्धता दिखाए.

1989 में हिंदुस्तान में पाक द्वारा किए गए घुसपैठ का उल्लेख करते हुए ऑफिसर ने बोला कि अमेरिका ने इस्लामाबाद को ऐसी किसी भी रणनीति को दोहराने के विरूद्ध चेतावनी दी है.1989 की यह कार्रवाई कश्मीर के लोगों के साथ-साथ पाक के लिए भी एक विफलता थी.

पाक को एफएटीएफ ब्लैकलिस्ट कर सकतीहै

अमेरिकी अधिकारियोंने बोला कि इस्लामाबाद टेरर फंडिंग के विरूद्ध कार्रवाईनहीं करता है तो पाक को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा ब्लैकलिस्ट किए जाने की आसार का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. फ्रांस स्थित एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी संगठन है जो टेरर फंडिंग  मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखती है.

हाल ही में पाक के पीएम इमरान खान के साथ ट्रम्प ने फोन पर वार्ता की थी. उन्होंने पाक को हिंदुस्तान के विरूद्ध बयानबाजी करने  जम्मू और कश्मीर की स्थिति पर तनाव बढ़ाने से बचने के लिए बोला था.

जी-7 में मानवाधिकार मामले पर चर्चासंभव

एक अन्य ऑफिसर ने बोला कि जी-7 शिखर सम्मेलन के मौके पर फ्रांस में मोदी  ट्रम्प के बीच मीटिंग के दौरान मानवाधिकार मामले पर चर्चा हो सकती है. उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधानमंत्रीमोदीक्षेत्रीय तनाव को कम करने  कश्मीर में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपनी योजनाओं पर बात करेंगे.