भारत पर हमला कर सकता है ये देश, तनातनी बढ़ती ही जा रही…

जिनपिंग ने नए तरीके की सैन्य प्रशिक्षण प्रणाली स्थापित करने, नए दौर के लिए ज्यादा मजबूत सशस्त्र बलों के निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी का लक्ष्य सशस्त्र बलों को विश्वस्तरीय सेना के रूप में डवलप करने का है।

सैन्य युद्ध की स्थिति, सुरक्षा वातावरण और आधुनिक युद्ध के स्वरूपों में महत्वपूर्ण बदलाव किये जा रहे हैं। सैन्य प्रशिक्षण को पूरी तरह बदलने के लिए बेहतर रणनीतिक योजना और शीर्ष स्तर के डिजाइन की आवश्यकता है। हमें अपनी सेना को दुनिया की सबसे ताकतवर सेना बनाना है।

67 वर्षीय शी जिनपिंग चीन में केंद्रीय सैन्य आयोग के चेयरमैन भी हैं। सीएमसी देश की 20 लाख जवानों-अधिकारियों वाली सेना की सर्वोच्च कमान है।

जिनपिंग ने हाल ही में केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को विश्वस्तरीय सैन्य बल बनाने के लिए एक नई प्रकार की सैन्य प्रशिक्षण प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए। हमारा लक्ष्य 2027 तक अपनी सेना को विश्व स्तरीय बनाना है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक ऐसा आदेश जारी किया है। जिसके बाद से ये सवाल उठने शुरू हो गये हैं कि क्या चीन किसी बड़े युद्ध की तैयारी कर रहा है?

यह सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सशस्त्र बलों से वास्तविक युद्ध स्थितियों में प्रशिक्षण को मजबूत बनाने और युद्ध जीतने की क्षमता में इजाफा करने को कहा है। चीन ने इसके पहले अपनी सेना को आदेश जारी करके कहा था उसे युद्ध जैसी स्थिति का सामना करने के लिए हर पल तैयार रहना चाहिए।

लेकिन चीन ने यहां पर भी अपनी चालाकी दिखाने से बाज नहीं आया और उसने भारत के आगे ये शर्त रख दी कि पहले उसे अपनी सेना को वापस बुलाना होगा उसके बाद ही वह अपनी सेना को वहां से हटाएगा। जिसके बाद से अब ये माना जा रहा है कि यही से फिर से दोनों देशों के बीच रिश्ते फिर से बिगड़ सकते हैं। हालांकि

चीन ने ये जरूर कहा है कि वह सीमा मुद्दे को सुलझाना चाहता है और उसने बातचीतके लिए भारत की तरह ही बातचीत का रास्ता खोल रखा है।

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मुद्दा अभी भी गरमाया हुआ है। सीमा विवाद के मसले पर दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है। दोनों देशों की तरफ से तनाव कम करने को लेकर पूर्व में कई दौर की वार्ताएं भी हुई लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका।

नतीजतन दोनों देशों की सेना एलएसी पर एक दूसरे के खिलाफ हथियार लेकर खड़ी हैं। सीमा पर अभी भी युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। इस बीच दोनों देशों ने आपसी सहमति से अपनी सेना पीछे लेने की बात कही है।