भारत के वैज्ञानिको ने बनाई ये खतरनाक मिसाइल, देख चीन हुआ परेशान

चीन भारत को युद्ध की धमकी प्रतिदिन देता हैं, लेकिन भारत के बैलिस्टिक मिसाइलें से चीन में हड़कंप मची हुई हैं। चीनी मीडिया में भारत के बैलिस्टिक मिसाइलें की चर्चा सबसे ज्यादा होती हैं क्योंकि इन मिसाइलों से चीन के कोने-कोने को टारगेट किया जा सकता हैं।

 

भारत के पास बैलिस्टिक मिसाइलों के पांच अलग-अलग प्रकार हैं, अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि 3, अग्नि-4 और अग्नि-5, भारतीय सेना ने इस श्रेणी में पृथ्वी मिसाइल को भी शामिल किया हैं।

साथ ही साथ DRDO के वैज्ञानिक और इंजीनियर अग्नि-6 मिसाइल बनाने पर भी कार्य कर रहे हैं। भारत के इसी हथियार से चीन सबसे ज्यादा परेशान है। अग्नि-4 की रेंज 4000 KM और अग्नि 5 की रेंज 5500 से 6000 KM है, जबकि भारत जिस अग्नि-6 को बना रहा है। उसकी रेंज 12000 KM तक हो सकती हैं।

भारत के इस कामयाबी से चीन और पाकिस्तान दोनों परेशान हैं। चीन व पाकिस्तान का मानना है कि भारत ऐसी तकनीक से अमेरिका और यूरोप को भी निशाना बना सकता है।

भारत के पास अग्नि सीरीज की पांच, पृथ्‍वी की दो , के-4,5,6, सूर्या, सागरिका, प्रहार, धनुष जैसी बैलिस्टिक मिसाइलों की एक पूरी खेप है। भारत इन मिसाइलों को जमीन के अलावा एयरक्राफ्ट, जहाज या पनडुब्‍बी से भी लॉन्‍च कर सकता हैं। भारत की ये ताकत उसे दुनिया में बादशाह बनाती हैं।

वे वायुमंडल के बाहर चलती हैं और वारहेड मिसाइल से डिटेच हो जाता है और टारगेट पर गिरता है। ये अपने टारगेट पर अचूक निशाना लगाता है। इन मिसाइलों से बचना मुश्किल ही नहीं लगभग नामुमकिन हैं। इसलिए इसे दुनिया का सबसे खतरनाक मिसाइल माना जाता हैं।

आज के समय में भारत बैलिस्टिक मिसाइलों का बादशाह है। जिसके कारण पूरी दुनिया में भारत की धाक चलती है। भारत के वैज्ञानिक और इंजीनियर इन मिसाइलों को खुद अपने देश में तैयार किये हैं। इन्हीं बैलिस्टिक मिसाइलों के नाम से भारत के दुश्मन थर-थर कांपते हैं। दरअसल, बैलिस्टिक मिसाइल को सीधे धरती के वायुमंडल की ऊपरी परत में छोड़ा जाता है।