भारत के बाद चीन ने लिया इस देश से पंगा, बनाया निशाना…

चीन और जापान में पूर्वी चीन सागर में स्थित द्वीपों को लेकर आपस में विवाद है. दोनों देश इन निर्जन द्वीपों पर अपना दावा करते हैं. जिन्हें जापान में सेनकाकु और चीन में डियाओस के नाम से जाना जाता है.

 

इन द्वीपों का प्रशासन 1972 से जापान के हाथों में है. वहीं, चीन का दावा है कि ये द्वीप उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं और जापान को अपना दावा छोड़ देना चाहिए. इतना ही नहीं चीन की कम्युनिस्ट पार्टी तो इसपर कब्जे के लिए सैन्य कार्रवाई करने तक की धमकी दे चुकी है.

चीनी एच -6 के बॉम्बर को लंबी दूरी पर स्थित टारगेट को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह विमान परमाणु हमला करने में भी सक्षम है.

चीन ने इस विमान को विशेष रूप से अमेरिका के बेस को निशाना बनाने के लिए शामिल किया है. इसके पिछले मॉडल में मिसाइल की क्षमता सीमित थी लेकिन इसे अपग्रेड कर अब और उन्नत बनाया गया है.

जापान ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में चीन की हर हरकत का माकूल जवाब दिया जाएगा. जापानी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पूर्वी चीन सागर में जापानी द्वीप ओकिनावा और मियाको के बीच चीनी एच -6के स्ट्रेटजिक बॉम्बर का पता लगाया गया. जिसके बाद जापानी एफ-16 फाइटर जेट्स ने उड़ान भर चीन के इस एयरक्राफ्ट को अपनी सीमा से बाहर भगा दिया.

लद्दाख में भारत के साथ उलझे चीन को जापान ने अच्छा सबक सिखाया है. जापानी एयरस्पेस में घुसे चीन के एक बॉम्बर प्लेन को जापानी एयरफोर्स के फाइटर जेट्स ने दूर तक खदेड़ दिया.

कुछ दिन पहले ही जापानी नौसेना ने एक चीनी पनडुब्बी को ऐसे ही मार भगाया था. चीन अब पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ द्वीपों को लेकर उलझा हुआ है.