भारत के इस काम को देख बौखलाया चीन, दे डाली ये चेतावनी…

चीन के साथ सीमा पर गतिरोध के बीच भारत सरकार ने चौथी बार ऐसा कदम उठाया है। इससे पहले सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी कानून 69ए के तहत 29 जून को 59 मोबाइल ऐप और 2 सितंबर, 2020 को 118 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था। इनमें पबजी, टिकटॉक, यूसी ब्राउजर, फेसयू, वीचैट रीडिंग जैसे ऐप शामिल थे। इस तरह से भारत द्वारा अब तक चीन बेस्ड 267 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

भारत सभी चीन समेत अन्य देशों की कंपनियों के लिए सही, निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल प्रदान करेगा और भेदभावपूर्ण गतिविधियों में सुधार करेगा।

प्रवक्ता जी ने कहा कि चीनी सरकार ने हमेशा यह अपेक्षा की है कि विदेशी चीनी कंपनियां, जो अंतर्राष्ट्रीय नियमों से बंधी हैं, कानूनों और विनियमों के अनुपालन में संचालित हों और सार्वजनिक व्यवस्था और अच्छी नैतिकताओं के अनुरूप हों।

वहीं, आईटी मंत्रालय ने बयान में कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 69ए के तहत आदेश जारी कर 43 मोबाइल ऐप तक पहुंच को लेकर पाबंदी लगायी गई है। विज्ञप्ति के अनुसार, ‘इन ऐप के बारे में मिली सूचना के आधार पर यह कदम उठाया गया है। सूचना में कहा गया था कि ये ऐप उन गतिविधियों में शामिल हैं, जिससे भारत की संप्रभुता, अखंडता, रक्षा, राज्यों की सुरक्षा तथा सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा है।’

चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने आरोप लगाया कि भारत बार-बार ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ को बहाने के तौर पर इस्तेमाल करके चीनी पृष्ठभूमि वाले मोबाइल ऐप्स को बैन कर रहा है। प्रवक्ता जी रोंग ने कहा कि हम ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के बहाने भारतीय पक्ष द्वारा बार-बार हमारे देश के ऐप को बैन करने की घटना का विरोध करते हैं। भारत का यह कदम डब्ल्यूटीओ को नियम के खिलाफ है।

भारत सरकार की तरफ से चीन पर एक बार फिर डिजिटल स्ट्राइक की गई। इस बार भारत ने 43 चीनी मोबाइल एप को बैन करने का फैसला लिया है।

चाइनीज ऐप पर भारत के इस डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक से ड्रैगन को मिर्ची लगी है। भारत सरकार की इस कार्रवाई पर बौखलाए चीन ने ऐतराज जताया है और विरोध करते हुए कहा कि भारत के इस कदम ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों का उल्लंघन किया है।