भारत के आंतरिक मामले में इस देश ने अड़ाई टांग, हालात हुए गंभीर…

विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, “कनाडा के उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय तलब किया गया था और उन्हें कनाडा के पीएम, कुछ कैबिनेट मंत्रियों और संसद के सदस्यों के बयान की जानकारी दी गई है, जो कि भारत में किसानों के प्रदर्शन पर टिप्पणी कर रहे हैं, ये बयान हमारे आतंरिक मामलों में दखंलदाजी के समान है.”

ट्रूडो के इस बयान पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी और कहा था कि ये बयान दोनों देशों के रिश्तों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं. विदेश मंत्रालय ने कनाडा के राजनयिक नादिर पटेल को तलब करते हुए कहा कि कनाडा के पीएम की ये टिप्पणी दोनों देशों के संबंधों को क्षति पहुंचा सकती है.

बता दें कि गुरु नानक जयंती के अवसर पर कनाडाई प्रधानमंत्री ने सिख कम्युनिटी के लोगों को संबोधित किया था. कनाडा में बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग रहते हैं. इस दौरान जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि भारत से किसानों के प्रदर्शन को लेकर जो खबरें आ रही हैं, वो चिंताजनक हैं. हमें आप लोगों के परिजनों और दोस्तों की बहुत चिंताएं हैं.

जस्टिन ट्रूडो ने तब कहा था कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के हक में है और भारत में ऐसे प्रदर्शनों के समर्थन में अपनी बात रखता रहेगा. पीएम ट्रूडो ने कहा था कि हम कई तरीकों से भारतीय प्रशासन के साथ संपर्क में हैं और अपनी चिंताओं को व्यक्त कर रहे हैं. ये वक्त है जब हम एकजुट रहें.

कनाडा ने एक बार फिर से भारत के आंतरिक मामले में टांग अड़ाई है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर कहा है कि कनाडा भारत में प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करता है. कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दूसरी बार कहा है कि वह अपने अधिकारों के लिए शांति पूर्व प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करते हैं.

इससे कुछ ही दिन पहले पीएम जस्टिन ट्रूडो ने ऐसा ही बयान दिया था, तब भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो के इस बयान पर सख्त आपत्ति जताई थी और इस बयान के लिए विदेश मंत्रालय ने भारत मे कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को तलब भी किया था.