भारतीय सेना पर हमले का आदेश देने वाले चीनी जनरल के साथ हुआ ये, जानकर छूटे लोगो के पसीने

झाओ, पहले भी भारत और चीन के बीच एलएसी पर हुए टकराव के गवाह रहे हैं. वह कई बार यह चिंता जाहिर कर चुके थे कि किसी भी तरह से इंडियन आर्मी के सामने चीनी सेना को कमजोर नहीं नजर आना चाहिए.

जनरल झाओ को इस बात का डर था कि अगर इंडियन आर्मी ने उन्‍हें हरा दिया तो फिर अमेरिका उन्‍हें कमजोर मान लेगा और वह किसी भी सूरत में पीएलए को अमेरिका के सामने शर्मिंदा नहीं होने देना चाहते थे. इसलिए उन्‍होंने भारत को एक सबक सिखाने की मानसिकता के साथ भारतीय जवानों पर हमले का आदेश दिया था.

65 साल के जनरल झाओ को अगस्‍त 1999 में तिब्‍बत मिलिट्री डिस्‍ट्रीक्‍ट का चीफ ऑफ स्‍टाफ बनाया गया था. अक्‍टूबर 2004 में वह चोंगकिंग मोबलाइजेशन डिस्‍ट्रीक्‍ट के डिप्‍टी कमांडिंग ऑफिसर बने. सितंबर 2007 में उन्‍हें 13वीं ग्रुप आर्मी में बतौर कमांडर भेज दिया गया था. 31 जुलाई 2015 को वह जनरल की रैंक पर प्रमोट हुए.

तिब्‍बत में उनकी सर्विस को देखते हुए उन्‍हें चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के सर्वोच्‍च सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) में जगह मिली थी. सन् 1962 में चीन और भारत के बीच पहली जंग हुई थी और इस बार लद्दाख के हालातों को पांच दशक बाद पैदा हुए सबसे चुनौतीपूर्ण हालातों में गिना जा रहा है.

गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद टकराव एक और मुश्किल दौर में पहुंच गया. 45 सालों बाद एलएसी पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसा हुई और भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे.

पीएलए ने अब लगभग पूरे लद्दाख पर ही अपना दावा ठोंक‍ दिया है. जनरल जोंग्‍की पीएलए के वेस्‍टर्न थियेटर कमांड के मुखिया जनरल थे. 15/16 जून को गलवान घाटी में जो कुछ भी हुआ उसके पीछे जोंग्‍की ही जिम्‍मेदार थे.

अमेरिका की एक इंटेलीजेंस रिपोर्ट में कहा गया था कि जोंग्‍की की तरफ से ही जवानों को यह आदेश दिया गया था कि वो भारतीय सेना के जवानों पर हमला करे. जून 2017 में जब डोकलाम विवाद शुरू हुआ था तो उस समय भी जनरल झाओ के पास ही कमान थी।

73 दिनों तक चले इस विवाद में जो तकनीकियां जनरल झाओ ने अपनाई थीं, लद्दाख में वो ठीक उसके उलट थीं. जनरल झाओ को एक बहुत ही महत्‍वाकांक्षी जनरल माना जाता हैं. साल 2016 से वह चीन की वेस्‍टर्न थियेटर कमांड को संभाल रहे थे. उनके पास 20 साल तक तिब्‍बत की मिलिट्री डिस्‍ट्रीक्‍ट को बतौर ऑफिसर लीड करने का अनुभव रह है.

चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर पूर्वी लद्दाख में जारी टकराव के बीच ही सैन्‍य नेतृत्‍व में बड़े परिवर्तन किए हैं. राष्‍ट्रपति जिनपिंग जो सेंट्रेल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के मुखिया हैं, उन्‍होंने वेस्‍टर्न थियेटर कमांड के चीफ जनरल झाओ जोंग्‍की को उनके पद से हटा दिया है.

जनरल जोंग्‍की की जगह अब वेस्‍टर्न थियेटर कमांड की जिम्‍मेदारी जनरल झांग जूडोंग पर आ गई है. जनरल झोंग्‍की के हटने के बाद भारत के एक धड़े को उम्‍मीद है कि अब शायद आठ माह से जारी टकराव में एक सकरात्‍मक मोड़ आ सके.

जनरल जोंग्‍की वही कमांडर थे जिन्‍होंने साल 2017 में डोकलाम विवाद की रूपरेखा तैयार की और इस बार लद्दाख में टकराव के लिए पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) को उकसाया.

मई 2020 से लद्दाख में चीन की सेना मौजूद है और इस समय दौलत बेग ओल्‍डी से लेकर चुशुल, डेमचोक और चुमार के साथ ही पैगोंग त्‍सो के फिंगर इलाके पर तनाव जारी है.