भाजपा की उल्टी गिनती शुरू, आम जनता की समस्याओं को हल करने में वह नाकाम

भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. आम जनता की समस्याओं को हल करने में वह नाकाम रही है, इसलिए जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, उसका ‘मंदिर राग’ तेज होता जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतज़ार करने का धैर्य भी उसमें नहीं है.

Image result for महासचिव सीताराम येचुरी
ये बातें माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम’ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही. उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में नवउदारवाद की जिन नीतियों को देश की जनता पर थोपा गया है, उसका नतीजा यह है कि आम जनता पर आर्थिक हमले बढ़े है. 50 हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है. उसे लाभकारी समर्थन मूल्य से वंचित रखा गया है.

उसे कर्जमुक्त करने के बजाये उन धन्नासेठों के कर्ज़े और टैक्स माफ़ किये गए हैं, जो बैंकों के साढ़े ग्यारह लाख करोड़ रूपये के क़र्ज़ चुकाने से इंकार कर रहे है. पेट्रोल-डीजल-गैस की कीमतें बढ़ाकर उसे लूटा गया है. रोजगार का कोई इंतजाम तो नहीं किया गया, नोटबंदी और जीएसटी के जरिये रोजगाए छीना जरूर गया है. शिक्षा और स्वास्थ्य के निजीकरण के चलते रोजमर्रा की जिंदगी बदहाल हो गई है.

उन्होंने कहा कि एक ओर यह आर्थिक हमला है, दूसरी ओर आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं. अब संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बनाया जा रहा है. न्यायपालिका, रिज़र्व बैंक, सीबीआई — सबकी स्वायत्तता को ख़त्म करने की कोशिश की जा रही है. आम जनता के संगठन बनाने और आंदोलन करने के लोकतांत्रिक अधिकार भी सुरक्षित नहीं है. तीसरा हमला भ्रष्टाचार का है. केंद्र और भाजपा की राज्य सरकारें इसमें आकंठ डूबी हैं. राफेल डील इसका ताज़ा उदाहरण है कि इस भ्रष्टाचार के कारण हमारे देश की सुरक्षा व्यवस्था भी खतरे में पड़ गई है. यदि मोदी सरकार पाक साफ़ होती, तो उसे संयुक्त संसदीय समिति, जिसमें उसका ही बहुमत होता, से जांच कराने में कोई हिचक नहीं होती. अब यह सरकार अमेरिका के आगे घुटने टेक रही है. ईरान से तेल आयात में छूट की एवज में अमेरिका ने हजारों करोड़ रुपयों के हथियार उससे ही खरीदने की शर्त को मंजूर करवा लिया है.

माकपा नेता ने कहा कि देश और आम जनता की समस्याओं को हल करने में नाकाम इस सरकार के पास चुनावों में देश की जनता के पास जाने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है, तो उसने ‘राम नाम’ जपते हुए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण तेज कर दिया है. अभी तक भाजपा का स्टैंड था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का वह इंतज़ार करेगी, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राम मंदिर को मुद्दा बनाने की कोशिश हो रही है, ताकि वह हिन्दू वोट बैंक को मजबूत बना सके. सांप्रदायिक आधार पर देश को बंटने से बचाना आज बड़ी चुनौती है.

सीताराम येचुरी ने कहा कि इन चौतरफा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए माकपा ने भाजपा और उसके सहयोगियों की पराजय सुनिश्चित करने, वामपंथ की संसदीय ताकत को बढ़ाने और केंद्र में एक धर्म-निरपेक्ष वैकल्पिक सरकार का गठन करने का लक्ष्य तय किया है, ताकि संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा की जा सके और सामाजिक न्याय और सद्भाव की लड़ाई को आगे बढ़ाया जा सके.
उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा को हराने के लिए राज्य के स्तर पर गठबंधन बनेंगे और चुनाव-बाद वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर गठबंधन बनेगा.

उन्होंने जोर देकर कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों से भाजपा की उल्टी गिनती शुरू होने जा रही है और छत्तीसगढ़ में भी भाजपा हार रही है. भाजपा की जनविरोधी नीतियों के कारण आम जनता का हर तबका उससे नाराज है. यहां भाजपा राज में हर साल 2000 किसान आत्महत्या कर रहे हैं. उन्होंने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2400 रूपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं किया. वह मनरेगा में 200 दिन काम देने का प्रचार कर रही है, जबकि सरकारी आंकड़ें ही बताते हैं कि ग्रामीण मजदूरों को औसतन 35 दिन ही वह रोजगार दे पाई है और पिछले वर्ष के 300 करोड़ रुपयों की मजदूरी का भुगतान आज तक नहीं हुआ है. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की तय न्यूनतम मजदूरी में भी इस सरकार ने डाका डाला है. सभी तबकों के आंदोलनों को कुचला गया है. इसलिए राज्य की जनता ‘अच्छे दिनों’ को नहीं, कम-से-कम पुराने दिनों के लौट आने की चाह रखती है. राज्य की जनता की यह चाहत ही भाजपा की पराजय को सुनिश्चित करेगी.
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वामपंथी पार्टियां किसी भी सीट पर एक-दूसरे से नहीं टकरा रही हैं और हम चाहते हैं कि विधानसभा में आम जनता के मुद्दों पर संघर्ष करने के लिए वामपंथी प्रत्याशी विजयी हो. उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि जिन सीटों पर माकपा प्रत्याशी खड़े हैं, वहां सीपीआई उन्हें अपना खुला समर्थन घोषित करेगी.

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने ‘अर्बन नक्सली’ की अवधारणा से ही इंकार किया और भाजपा सरकार पर आदिवासियों को जमीन और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जो मानवाधिकार कार्यकर्ता आदिवासियों के पक्ष में लड़ रहे हैं, उन्हें अर्बन नक्सली कहते हुए उनका राजनैतिक दमन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ते हुए माकपा के कई कार्यकर्त्ता शहीद हुए हैं. अतः माकपा और माओवादियों को एक बताना भाजपा सरकार का राजनैतिक षड़यंत्र है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की लूट को रोककर, उनके संवैधानिक अधिकारों को दिलाकर और एक जनतांत्रिक वातावरण बनाकर ही माओवाद से लड़ा जा सकता है. येचुरी ने माओवादियों से भी अपील की कि हिंसा का रास्ता छोड़कर आम जनता के बीच अपनी बात रखे.

एक अन्य सवाल के जवाब में पत्रकारों की जिज्ञासा को शांत करते हुए उन्होंने कहा कि माकपा सबरीमाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन भाजपा-आरएसएस मिलकर तनाव पैदा कर रहे हैं. उसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इंकार कर दिया है. इससे उसका महिलाविरोधी रूख ही उजागर हुआ है. वह महिला अधिकारों को भी धर्म के चश्मे से ही देखती है. लेकिन केरल की प्रगतिशील सोच रखने वाली जनता भाजपा के चरित्र को पहचानती है.

इस कार्यक्रम में माकपा के छत्तीसगढ़ प्रभारी जोगेंद्र शर्मा, राज्य सचिव संजय पराते और सचिवमंडल सदस्य एम के नंदी, बी सान्याल और धर्मराज महापात्र भी उपस्थित थे.