भाजपा और अकाली दल ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस पर उठाया ये सवाल

साल 1984 में राजधानी दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने की गूंज लोकसभा में भी सुनाई दी।

भाजपा और अकाली दल ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस से पूछा कि आखिर इसी दंगे के दूसरे आरोपी को मध्यप्रदेश का अध्यक्ष बना कर वह क्या संदेश देना चाहती है? दोनों दलों ने कांग्रेस नेतृत्व पर दंगा आरोपियों को लगातार बचाने का आरोप भी लगाया।

भाजपा सांसद प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि देश की राजधानी में सरकार की नाक के नीचे हजारों सिखों को सुनियोजित तरीके से मार डाला गया। यह सबको पता था कि इसमें कांग्रेस नेताओं की भूमिका है। इनमें से एक आरोपी सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा मिली। जबकि एक अन्य आरोपी कमलनाथ को कांग्रेस नेतृत्व ने मध्य प्रदेश की कमान दे दी।

प्रहलाद ने कहा कि कांग्रेस ने पीड़ितों को न्याय देने के बदले आरोपियों के बचाव में सारी ताकत लगा दी। इसलिए इन्हें न्याय के लिए 34 साल तक इंतजार करना पड़ा। भाजपा सांसद ने कहा कि राजधानी में सिखों का कत्लेआम कांग्रेस नेतृत्व के इशारे पर इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेेने के लिए किया गया। यही कारण है कि कांग्रेस नेतृत्व ने इनके खिलाफ कार्रवाई के बदले हमेशा आरोपियों को उपकृत किया।