बड़ीखबर : पाक के पीएम इमरान खान के इस बयान से भारत समेत हिले सभी पड़ोसी देश

पड़ोसी देश पाक के पीएम इमरान खान ने कुछ दिन पहले ईरान के राष्‍ट्रपति हसन रुहानी से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों देशों में आपसी मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ आतंकवाद पर भी चर्चा हुई। इस बातचीत में इमरान खान ने बड़ी ही बेबाकी से आतंकवादियों पर एक सच को कुबूल किया। उन्‍होंने राष्‍ट्रपति रुहानी के समक्ष कहा कि पूर्व में पाकिस्‍तान की धरती का उपयोग ईरान में आतंकी हमले करवाने में होता रहा है।

वहीं, इसको लेकर अब देश की नेशनल असेंबली में पाक पीएम के नाम पर हायतौबा हो रही है। देश की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्‍बानी खार समेत अनय नेताओं का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि देश के किसी पीएम ने दूसरे देश के राष्‍ट्रपति के समक्ष इस तरह का गैर जिम्‍मेदाराना बयान दिया हो। खार ने यहां तक कहा कि इस बयान से देश का सिर शर्म से झुक गया है।

ऐसा कबूलनामा करने वाले इमरान खान पहले पीएम नहीं हैं, बल्कि पाक के पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने एक इंटरव्‍यू के दौरान कहा था कि उन्‍होंने आतंकियों की मदद से कारगिल युद्ध करवाया था। इतना ही नहीं उन्‍होंने ये भी कहा था कि उनके सरकार के दौरान उन्‍होंने भारत में हमला करवाने के लिए आतंकियों की मदद ली थी। इतना ही नहीं इस तरह का कुबुलनामा नवाज शरीफ भी शामिल हैं।

यही नहीं पाकिस्‍तान के पीएम ने जर्मनी और जापान को करीबी मुल्‍क बताते हुए उनकी सीमाएं आपस में मिले होने का जो बयान दिया उस पर उनकी सदन में खूब खिल्‍ली उड़ाई गई। नेशनल असेंबली के कई सदस्‍यों ने कहा कि इमरान खान को न तो दुनिया का भूगोल पता है और न ही इतिहास। तीसरा वाकया जिस पर इमरान खान की खिंचाई की जा रही है वो है पाकिस्‍तान पिपु‍ल्‍स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो पर दिया गया बयान। दरअसल, उन्‍होंने एक संबोधन में बिलावल को साहिबा कह डाला, इसके बाद नेताओं ने जमकर इमरान की खिंचाई शुरू कर दी। कई नेताओं ने इसको आपत्तिजनक बयान बताया है।

बता दें, इमरान ने यह बयान दक्षिण वर्जीस्‍तान में एक रैली को संबोधित करते हुए दिया था। उनका कहना था कि वह राजनीति में कड़ा संघर्ष करके यहां तक पहुंचे हैं, न कि बिलावल साहिबा की तरह जो पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे होने के चलते यहां अएए हैं। इसको लेकर ट्विटर पर इमरान को काफी कुछ कहा जा रहा है। ट्विटर पर इस बयान के चलते एक यूजर ने यहां तक लिखा है कि अब इमरान को जेंडर का फर्क भी बताना या सिखाना होगा।

साथ ही इस माह में दिए इमरान के बयानों पर गौर करेंगे तो पता चल जाएगा कि वह लगातार कुछ न कुछ ऐसा कह रहे हैं जिसकी वजह से वह देश ही नहीं बल्कि इसके बाहर भी सुर्खियां बन रहे हैं। पिछले ही दिनों उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भी एक बड़ा बयान दिया था। उन्‍होंने कहा था कि पीएम मोदी ही दोनों देशों के बीच के वि‍वादित मुद्दों को सुलझा सकते हैं, लिहाजा भारत में दोबार उनकी ही सरकार बननी चाहिए। उनके इस बयान पर भी सदन में काफी हो-हल्‍ला हुआ था। उस वक्‍त इमरान खान देश के कट्टरवादी नेताओं के निशाने पर आ गए थे।