ब्रिटेन से आए हर शख्स के साथ होगा ये, भारत में बना कोरोना के नए स्ट्रेन का खतरा

ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलने की खबर के बाद से भारत अलर्ट हो गया है। कोरोना के इस नए स्ट्रेन के बारे में देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) का कहना है कि भारत में इससे पहले इस प्रकार का कोई केस नहीं आया है। हालांकि अब सतर्क रहने की जरूरत है और कोरोना संक्रमण की जांच के साथ अब इसके जेनेटिक सीक्वेंस की भी जांच करनी होगी।

भारत में कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी ने बताया कि कोरोना के नए स्ट्रेन की पहचान के लिए फिलहाल संक्रमित लोगों के सैंप्लस एनसीडीसी के लिए भेज दिए गए हैं। मालूम हो कि भारत सरकार ने ब्रिटेन से आने वाली सभी फ्लाइट्स पर 31 दिसंबर तक के लिए रोक लगा दी है।

वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन में कोविड-19 का नया स्ट्रेन मिलने के बाद दुनियाभर में हडकंप मच गया है। ऐसे में बीते सोमवार को लंदन से दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे चालक दल समते कुल 266 यात्रियों का कोविड-19 टेस्ट किया गया, जिसमें पांच सदस्य कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) पाए गए।

ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा का कहना है कि नए स्ट्रेन की पहचान आरटी-पीसीआर या किसी अन्य जांच के माध्यम से संभव नहीं इसकी पहचान सिर्फ जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए ही संभव है।

उन्होंने इस तकनीक के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि दुनियाभर में अब तक करीब तीन लाश सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंह हो चुकी है, जिसमे 17 अलग-अलग तरह के कोरोना की पहचान की गई है।

ब्रिटेन (Britain) में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन (covid new strain) मिलने के बाद से भारत सरकार अलर्ट मोड है। ऐसे में कोविड-19 पॉजिटिव लोगों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग को अनिवार्य कर दिया गया है।

इस तकनीक के जरिए ये पता लगाया जा सकेगा कि सैंपल में मौजूद कोरोना का स्ट्रेन कौन-सा है। देश में अब तक महज चार हजार सैंपल की सीक्वेंसिंग ही हो सकी है जिनमें 10 अगल-अलग प्रकार के कोरोना मिले हैं।