ब्रिटेन में चाकू से हमले के बढ़ते क्राइम से निपटने के लिए लाए गए एक नये विधयेक को संसद से मंजूरी मिलने के बाद इस सप्ताह उस पर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से भी हरी झंडी मिल गई है।
विधेयक (ओफेंसिव वीपंस बिल) में पिछले वर्ष के अंत में संशोधन किया गया था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह कृपाण या धार्मिक तलवार रखने व उसकी आपूर्ति करने के ब्रिटिश सिख समुदाय के अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा।
ब्रिटिश गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘कृपाण के मामले पर हमने सिख समुदाय के साथ करीबी रूप से वार्ता की। नतीजतन हमने विधेयक में संशोधन किया, ताकि यह सुनश्चित हो सके कि धार्मिक उद्देश्यों के लिए बड़े कृपाणों की आपूर्ति व उन्हें साथ रखने की परंपरा जारी रह सके। ’
ब्रिटिश सिखों के सर्वदलीय संसदीय समूह ने ब्रिटिश गृह विभाग में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि नए विधेयक के कानून बनने पर कृपाण को मिली छूट बनी रही। ब्रिटिश सिखों के लिए इस समूह के प्रमुख एवं लेबर सांसद प्रीत कौर गिल ने कहा, ‘मैं सरकार के संशोधन को देख कर खुश हूं’
इस तरह, नया कानून बड़े कृपाणों की बिक्री, उन्हें साथ रखने व उनके प्रयोग के कानूनी अधिकार को जारी रखने की यथास्थिति कायम रखेगा। बता दें कि बड़े कृपाण (50 सेंटीमीटर से अधिक लंबे ब्लेड वाले) का प्रयोग समुदाय के लोग गुरूद्वारों के समारोहों में व पारंपरिक सिख गतका मार्शल आर्ट के दौरान करते हैं।
ब्रिटिश गृह मंत्री साजिद जाविद ने बोला कि यह नया कानून पुलिस को खतरनाक हथियार जब्त करने में मदद करेगा व सड़कों पर चाकुओं के प्रयोग में कमी लाएगा।