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मिशेल ने CBI अधिकारियों को बताया कि वह लिख नहीं सकता है व जो घूस वाले हाथों से लिखे नोट मिले हैं, जिनमें राजनेताओं व नौकरशाहों को कथित घूस दिए जाने की बात है उसे गुइडो हास्चके नाम के अन्य यूरोपिय बिचौलिये ने लिखा है. हाथ से लिखे जो नोट मिले हैं उसमें सोनिया गांधी को वीआईपी चॉपर के पीछे की प्रेरक शक्ति बताया गया है. नोट में मिशेल ने बोला है कि सोनिया के अतिरिक्त पीटर हुलेट (अगस्ता वेस्टलैंड के तत्कालीन इंडियन प्रमुख) को तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी व सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को साधना चाहिए.
दूसरा नोट बजट एक्सपेंडीचर आइटम नाम का शीर्षक है जिसे हास्चके के लिए 2008 में मिशेल के लंदन स्थित दफ्तर में लिखा गया था. इसमें कुछ पदों को शॉर्ट फॉर्म में लिखा गया था.जैसे कि डीसीएच, पीडीएसआर, डीजी मेन्ट व एफटीटी, जो एएफ (एयर फोर्स) हेडर के नीचे लिखे हैं. इसमें बहुत से लोगों के नाम हैं जिन्हें कथित तौर पर 30 मिलियन यूरो की घूस दी गई है. इसमें पीओएल हेडर के नीचे एफएएम व एपी लिखा हुआ है, जिसे इटली के जांचकार्ताओं का मानना है कि इनका मतलब राजनेताओं से है. मिशेल ने हास्चके पर इन नोट में खुद को आरोपी बनाए जाने का आरोप लगाया है.
नोट्स में जो एफएएम लिखा है उसे माना जा रहा है कि यह एसपी त्यागी के परिवार, उनके कजिन संजीव, राजीव व संदीप हैं. एक CBI ऑफिसर का कहना है कि मिशेल अपने ऊपर लगे कथित घूस देने के आरोपों को हास्चके पर इसलिए डाल रहा है ताकि वह खुद को व इंडियन राजनेताओं के साथ ही उन लोगों को बचा सके जिनके साथ उसके संपर्क हैं. ऑफिसर ने कहा, ‘वह सबकुछ जानता है व अपनी मर्जी के अनुसार हमारे सवालों पर रिएक्शन देता है. जब उसे पता चला कि हमारे पास कुछ ट्रांजेक्शन से जुड़े दस्तावेज हैं तो वह थोड़ा उग्र हो गया.‘