बेघर गायों को संरक्षण देने वाले व्यक्ति को, स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर सम्मानित करेगी सरकार

राजस्थान में बेघर गायों को संरक्षण देने वाले व्यक्ति और संस्था को कांग्रेस की सरकार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर सम्मानित करेगी. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक गोपालन के डायरेक्टर्स की ओर से सभी जिला कलेक्टर्स को इस संबंध में आदेश जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि वे संस्थाएं या नागरिक जो सड़क पर घूमने वाली गायों का संरक्षण करेंगे, उन्हें स्टेट लेवल पर जिला कलेक्टर की ओर से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा. राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 28 दिसंबर को इस आदेश को जारी किया गया था.

बीजेपी की पिछली सरकार में राजस्थान काऊ मंत्रालय बनाने वाला पहला राज्य बना था. ओतराम देवासी बीजेपी सरकार में इसके मंत्री थे. कांग्रेस सरकार में प्रमोद भैया मंत्री हैं. जिला कलेक्टर को आदेश दिया गया है कि बेघर गायों को संरक्षण देने के लिए लोगों और एनजीओ प्रोत्साहित करें, साथ ही इस मुद्दे को पब्लिक के साथ होने वाली मीटिंग में उठाएं.

आदेश में कहा गया है कि जो व्यक्ति गायों को गोद लेना चाहता है वह स्थानीय गोशाला की ओर से निर्धारित एक न्यूनतम राशि जमा कर काऊ शेल्टर का दौरा कर सकता है और किसी भी समय इन पशुओं को देख सकता है. लेकिन अगर कोई इन पशुओं को घर में रखना चाहता है तो भी इन्हें गोद ले सकता है. गोपालन प्लानिंग डिपार्टमेंट के जॉइंट डायरेक्टर अनिल कौशिक का कहना है कि इसका उद्देश्य आवारा पशुओं को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करना है जिन्हें काऊ शेल्टर भेजा जा सके. इससे गोशालाओं की इनकम भी बढ़ेगी साथ ही पशुओं की देखरेख में भी मदद मिलेगी.

वहीं मध्य प्रदेश में सड़कों पर आवारा घूम रहे निराश्रित गोवंश को जल्द ही गौ-शालाओं में रखा जाएगा. इसके लिए 16 जनवरी से पायलट प्रोजेक्ट भोपाल से शुरू किया जाएगा. मध्य प्रदेश के पशुपालन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री लाखन सिंह यादव ने बताया, ‘आवारा गोवंश को गौ-शालाओं में रखा जायेगा. इससे गाय-बैल सड़कों पर नहीं घूमेंगे. पायलट प्रोजेक्ट 16 जनवरी से प्रदेश की राजधानी भोपाल से शुरू होगा और 5,000 से अधिक निराश्रित गोवंश को शहर के बाहरी इलाके सूखी सेवनिया में बनी बरखेडी गौशाला में रखा जाएगा.

उन्होंने कहा कि फिलहाल गौसंवर्द्धन के मद में 50 करोड़ रुपये हैं. गौशाला में उनके लिए चारे की व्यवस्था भी की जा रही है. यादव ने बताया कि जिला कलेक्टर सहित सारे संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं कि 16 जनवरी से भोपाल नगर निगम इलाके में युद्धस्तर पर पॉयलट प्रोजेक्ट चलाएं. मैं उनको आवारा गोवंश पकड़ने के लिए 6 दिन का समय दे रहा हूं. 22 जनवरी के बाद निरीक्षण के दौरान भोपाल में एक भी निराश्रित गाय-बैल सड़कों पर आवारा घूमते हुए मिले तो निश्चित तौर पर संबंधित जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.