बेगूसराय से बीजेपी के उम्मीदवार गिरिराज सिंह पहुंचे बेगूसराय, कन्हैया ने ट्विटर पर किया स्वागत

बेगूसराय से बीजेपी के उम्मीदवार गिरिराज सिंह शुक्रवार को बेगूसराय पहुंचे। गिरिराज के बेगूसराय पहुंचने पर सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने ट्विटर पर उनका कटाक्ष भरे लहजे में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि रूठने और मनाने जैसे नाज़-नखरों के बाद वीज़ा मंत्री जी आज बेगूसराय आ गए हैं और आते ही उन्होंने कहा है कि बेगूसराय तो मेरा ननिहाल है. हमें तो पहले ही पता था कि मंत्री जी को बेगूसराय पहुंचते ही नानी याद आ जाएगी।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले सिमरिया घाट स्थित सिद्ध आश्रम में मां काली की पूजा अर्चना की। उसके बाद वे बेगूसराय के बीहट पहुंचे। यहां उन्होंने सिद्ध पीठ में माता का आशीर्वाद लिया। गिरिराज के साथ इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं का हुजूम था। बता दें कि गिरिराज अपने संसदीय क्षेत्र नवादा से टिकट काटे जाने को लेकर नाराज चल रहे थे। हालांकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से बातचीत के बाद आखिरकार वे मान गए और बेगूसराय से चुनाव लड़ने को राजी हो गए।

गिरिराज सिंह यहाँ कहा कि, बेगूसराय तो मेरा घर है, मैंने तो अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपनी बात कही। बता दें कि बेगूसराय का बीहट इलाका वामपंथियों का गढ़ है। गिरिराज सिंह नेशलन हाइवे पर अपनी गाड़ी से उतरे और लगभग एक किमी पैदल चलकर मंदिर पहुंचे। बीहट बाजार होते हुए उनका हुजूम मंदिर पहुंचा। ये इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बीहट के इलाके में ही सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार का भी घर है। मंदिर में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पहली बार कन्हैया की कथित आजादी वाले नारे पर तंज कसा। कार्यकर्ताओं ने इस दौरान हमें चाहिए लाल झंडे से आजादी, हमें चाहिए भ्रष्टाचार से आजादी के नारे लगाए। बेगूसराय पहुंचने से पहले गिरिराज ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैंने अपने और बेगूसराय के सम्मान का प्रश्न उठाया था।

इधर गिरिराज सिंह के बेगूसराय से चुनाव लड़ने को लेकर उठे विवाद पर सीपीआई उम्मीदवार और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कई बार चुटकी भी ली। कन्हैया ने कहा कि गिरिराज यहां आ तो गए, लेकिन मंत्री रहते हुए उन्होंने यहां के लिए क्या किया। बेगूसराय अतिथियों का हमेशा स्वागत करता रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये धर्म के नाम पर समाज को बांटने वाले अपने को राष्ट्र भक्त कहते हैं. देश की सेना के कामों को अपना काम बताते हैं।