बुनकर समुदाय राज्य गवर्नमेंट की इस योजन को लेकर है चिंतित

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव को लेकर हर दल मतदाताओं को लुभाने के लिए हर दांवपेंच चल रहा है लेकिन सिरसिला का बुनकर समुदाय राज्य गवर्नमेंट की मुफ्त साड़ी वितरण योजना के भविष्य को लेकर चिंतित है. यह योजना राज्य के कार्यवाहक CM के चंद्रशेखर राव ने प्रारम्भ की थी. ऐसे में अगर उनकी पार्टी तेलंगाना देश समिति (टीआरएस) सत्ता में नहीं आती है तो योजना चालू रहेगी या नहीं, इसे लेकर बुनकर बहुत ज्यादा परेशान हैं. दरअसल इस योजना ने इन बुनकरों को आजीविका के संकट से बाहर निकाला  आय बढ़ाने में बहुत ज्यादा मदद की. ऐसे में यह योजना टीआरएस के लिए चुनाव में गेम चेंजर भी साबित हो सकती है.

सिरसिला के बुनकरों को टीआरएस की सत्ता में वापसी की उम्मीद

सिरसिला सीट से राव के पुत्र केटी रामाराव मैदान में हैं. टीआरएस की मुफ्त साड़ी की योजना ने इस इलाके में साड़ी बनाने के कार्य को बहुत ज्यादा बढ़ावा दिया. माइंड केयर काउंसिलिंग सेंटर के पुन्नम चंद्र ने बताया कि 2013 तक यहां एक वर्ष में करीब 90-100 बुनकर आत्महत्या कर लेते थे. लेकिन जागरूकता शिविरों, परामर्श प्रयासों  गवर्नमेंट की योजनाओं की वजह से बदलाव आया है. उन्होंने बताया कि पावरलूम बुनकरों ने ज्यादा कमाई के मकसद से अपने शुरुआती दो करघों को बढ़ाकर 16 करघे तक कर लिया था. इससे साड़ियों का उत्पादन तो बढ़ा लेकिन उन्हें कोई मार्केट नहीं मिला  वे कर्ज जाल में फंस गए.
टीआरएस गवर्नमेंट ने इस योजना के पहले वर्ष 2017 में एक करोड़ साड़ियां हर जाति, समुदाय  धर्म की स्त्रियों में राशन की दुकानों के जरिए बांटीं. इस वर्ष भी गवर्नमेंट की 95 लाख साड़ियां बांटने की योजना है  उत्पादन के ऑर्डर दे दिए गए हैं. एक टेक्सटाइल इकाई के मालिक वेल्दांदी नारायण ने बताया कि यदि योजना बंद कर दी गई तो हमें अपना बिजनेस बंद करना पड़ेगा. गवर्नमेंट की मुफ्त साड़ी योजना की वजह से बुनकरों की कमाई 8000-9000 रुपये से बढ़कर 14000-16000 रुपये प्रतिमाह हो गई. साथ ही बुनकरों की खुदकुशी के मामले भी कम हुए हैं. उन्होंने बोला कि हम चाहते हैं कि टीआरएस गवर्नमेंट ही दोबारा सत्ता में आए ताकि यह योजना जारी रहे  बुनकरों को लाभ होते रहे.