बीसीसीआई भी उठाना चाहेगी महेंद्र सिंह धोनी के अनुभव का लाभ

टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को लेकर सबसे ज्यादा जिस बात की चर्चा है, वो ये कि आखिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद वो क्या कार्य करते नजर आएंगे हालांकि इस बात की खबरें तेजी से चल रही हैं कि धोनी संन्यास के बाद बॉलीवुड का रुख कर सकते हैं माना जा रहा है कि महेंद्र सिंह धोनी संन्यास के बाद फिल्म प्रोड्यूसर बन सकते हैं खासकर ये देखते हुए कि फिल्मों में उनकी गहरी दिलचस्पी है, इन खबरों को पूरी तरह खारिज भी नहीं किया जा सकता है मगर इसके अतिरिक्त भी कई ऐसे कार्य हैं जो धोनी संन्यास के बाद कर सकते हैं

हालांकि इसे लेकर कई लोग अपना-अपना अनुमान लगा रहे हैं कुछ उन्हें क्रिकेट में ही सहयोग देते हुए देखना चाहते हैं तो कुछ महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को इससे इतर कोई कार्य करते हुए देख रहे हैं जो भी हो ये देखना दिलचस्प तो होगा ही कि आखिर धोनी संन्यास के बाद करते क्या हैं  नज़र डालते हैं कुछ ऐसे कामों पर जो धोनी क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कर सकते हैं

बनेंगे टीम इंडिया के कोच!
इस बात में बिल्कुल भी शक नहीं है कि महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) क्रिकेट जगत के सबसे पास कप्तानों में से एक हैं उन्होंने अपने खेल, फिटनेस  फैसलालेने की क्षमता से बार-बार ये साबित भी किया है कि गेम को लेकर उनके जैसा नज़रिया संसार में किसी  के पास नहीं है इतना ही नहीं, मैच के दौरान दशा पढ़ने  कुशल व बेजोड़ रणनीति बनाने में भी धोनी का सानी नहीं है ऐसे में भले ही धोनी खेल से रिटायर हो जाएं, पर होने कि सम्भावना है वो मैदान के करीब रहें  टीम इंडिया की इतने वर्षकप्तानी करने के बाद अब अपना भूमिका बदलते हुए कोच की किरदार में नज़र आएं

इस बात की आसार इसलिए भी अधिक है क्योंकि 2023 का वर्ल्ड कप भारतीय जमीन पर ही होना है  मौजूदा कोच रवि शास्‍त्री का कार्यकाल 2021 टी-20 वर्ल्ड कप तक ही हैवैसे भी धोनी के भारतीय क्रिकेट बोर्ड से बहुत ज्यादा अच्छे संबंध हैं  उनके पास कोच बनने के लिए ज़रूरी हर काबिलियत है होने कि सम्भावना है कि 2011 में अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जिताने वाले धोनी 2023 में बतौर हेड कोच टीम इंडिया को वर्ल्डकप खिताब दिला दें आखिर टीम इंडिया के हर मेम्बर को धोनी के दिमाग की आवश्यकता है
कमेंट्री में आजमा सकते हैं हाथ?
महेंद्र सिंह धोनी कमेंट्री में भी हाथ आजमा सकते हैं  चाहे सौरव गांगुली हो या वीवीएस लक्ष्मण या फिर हालिया समय में इस पेशे से जुड़े वीरेंद्र सहवाग जैसे धुरंधर, इन सभी ने क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद कमेंटेटर बनने का निर्णय किया यहां तक कि महान सचिन तेंदुलकर भी वर्ल्ड कप में इस अवतार में नजर आए ऐसे में ये भी एक आसार हो सकती है कि महेंद्र सिंह धोनी खेल के अपने ज्ञान  अनुभव को इस मंच से साझा करते दिख जाएं हालांकि ये एक अनुमान ही है 

तो नेता बनेंगे माही?
क्रिकेटरों का पॉलिटिक्स में प्रवेश हिंदुस्तान में कोई नयी बात नहीं है मोहम्मद अजहरुद्दीन से लेकर कीर्ति आजाद, नवजोत सिंह सिद्धू  हालिया समय में गौतम गंभीर तक कई ऐसे उदाहरण आपको देखने को मिल जाएंगे  टीम इंडिया के कैप्टन कूल रहे धोनी से भी कई बार नेताओं ने मुलाक़ात की है बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष  देश के मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के पहले धोनी से रांची में उनके घर जाकर मुलाक़ात की भी थी हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने बोला है कि धोनी भाजपा की सदस्यता ग्रहण करें, इसके लिए कई बार उनसे बात की गई है ऐसे में उनके इस दावे के बाद धोनी के राजनीति में हाथ आज़माने की अटकलें भी तेज़ हैं

महेंद्र सिंह धोनी के अनुभव का लाभ बीसीसीआई भी उठाना चाहेगी ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि धोनी संन्यास के बाद क्या विकल्प चुनते हैं (फाइल फोटो)
बॉलीवुड भी दूर नहीं

इस तरह की खबरें सामने आ रहीं हैं कि महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) बॉलीवुड में निवेश करने का मन बना रहे हैं  जल्द ही इस बारे में ऐलान कर सकते हैं खबरों के अनुसार, धोनी फिल्म जगत के कॉर्पोरेट घरानों के साथ मिलकर बतौर फिल्म प्रोड्यूसर बॉलीवुड में नयी पारी प्रारम्भ कर सकते हैं  फिल्मों में हमेशा ही धोनी की दिलचस्पी रही है वह फिल्मों के दीवाने हैं

मगर धोनी के मैनेजर का ये है कहना
संन्यास के बाद धोनी क्या करेंगे इस पर भारत के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी के मैनेजर अरुण पांडेय का कुछ  ही बोलना है पांडेय ने एक बार इस सवाल का जवाब देेते हुए बोला था कि धोनी एक बार जब क्रिकेट को अलविदा कह देंगे तो वो इस खेल से किसी भी तरह जुड़े नहीं रहेंगे

ये तो सिर्फ कुछ अनुमान हैं जो धोनी के आगे के करियर के बारे में लगाए जा सकते हैं उन्हें आगे क्या करना है, इसका निर्णय तो वो खुद ही लेंगे वैसे भी धोनी कब क्या निर्णय लेंगे यह तो बस वही जानते हैं