बीजेपी से निलंबित सांसद कीर्ति झा आजाद अब थामने जा रहे कांग्रेस का दामन

बीजेपी से निलंबित सांसद कीर्ति झा आजाद अब कांग्रेस का दामन थामने जा रहे हैं. बिहार के दरभंगा से सांसद कीर्ति आजाद शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होंगे.

कीर्ति आजाद ने कहा है कि उन्‍होंने जनता के आदेश पर कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है.

बीजेपी पर जुबानी हमला करते हुए कीर्ति आजाद ने कहा कि एक साजिश के तहत बिना किसी अपराध के उन्‍हें पार्टी से सस्‍पेंड कराया गया. उन्‍होंने कहा, ”पिछले 10 महीनों से मैंने गांव-गांव जाकर लोगों से रायशुमारी की. लोगों के सामने अपनी बातें रखीं. लोगों के कहने पर मैंने कांग्रेस में जाने का फैसला किया है.”

जेटली के खिलाफ बोलने पर आजाद को किया गया था सस्पेंड

बता दें कि कीर्ति आजाद को बीजेपी ने तब सस्पेंड कर दिया था, जब वे बार-बार वित्तमंत्री अरुण जेटली पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे. कीर्ति आजाद डीडीसीए में हुए घोटालों में वित्तमंत्री अरुण जेटली को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं.

बता दें कि कीर्ति आजाद क्रिकेटर रह चुके हैं. वो 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे. कीर्ति बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे हैं. भागवत झा आजाद कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं.

क्रिकेट के बाद कीर्ति आजाद ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज बीजेपी से शुरू किया था. वो बीजेपी से तीन बार सांसद भी बने. इसके अलावा वो दिल्ली के गोल मार्केट विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी चुने जा चुके हैं. लेकिन अरुण जेटली के खिलाफ बगावत करना उन्हें महंगा पड़ा और बीजेपी से सस्‍पेंड कर दिया गया था.

क्या फिर दरभंगा से चुनाव लड़ेंगे आजाद?

अब जब कीर्ति आजाद कांग्रेस में जा रहे हैं, तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस उन्हें दरभंगा से ही लोकसभा चुनाव में उतारेगी? 2014 के चुनाव में कीर्ति आजाद दरभंगा लोकसभा सीट से चुने गए थे. इससे पहले 1999 और 2009 में भी वो दरभंगा सीट से ही चुनकर संसद पहुंचने में सफल रहे थे. उन्होंने आरजेडी के अली अशरफ फातमी को हराया था.

लेकिन इस बार कांग्रेस और आरजेडी मिलकर चुनाव लड़ने जा रही है. वहीं महागठबंधन में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की भी एंट्री हो चुकी है. वीआईपी के सन ऑफ मल्लाह नाम से मशहूर मुकेश सहनी ने पहले ही दरभंगा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं. क्या आरजेडी इस सीट को आजाद के लिए छोड़ देगी? क्या मुकेश सहनी को पीछे हटना होगा या फिर आजाद किसी और सीट से चुनाव लड़ेंगे? इन सब बातों को लेकर भी रस्साकशी हो सकती है.