केंद्र गवर्नमेंट की ओर लए गए इसके लिए भाजपा व कांग्रेस पार्टी ने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है ताकि वे इस दौरान सदन में मौजूद रहें। वहीं इसे लेकर संसद में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मीटिंग चल रही है। इसमें भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली व गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं।
इसके साथ ही विपक्षी दलों की भी संसद भवन में भी मीटिंग चल रही है। गवर्नमेंट की ओर से यह विधेयक लोकसभा में पेश किया जा चुका है, जहां इसे भारी हंगामे के बाद पास कर दिया गया था।
सत्तारूढ़ बीजेपी व कांग्रेस पार्टी ने व्हिप जारी करके अपने-अपने सदस्यों से सोमवार को ऊपरी सदन में उपस्थित रहने को बोला है। अन्य दलों ने भी अपने सांसदों से यह विधेयक सदन में पेश करने के दौरान उपस्थित रहने को बोला है। कांग्रेस पार्टी ने अपने सांसदों की मीटिंग बुलाई है। कई विपक्षी दल भी सोमवार की प्रातः काल विपक्ष के नेता अधीन नबी आजाद के चैंबर में मुलाकात करके इस मुद्दे पर सदन की अपनी रणनीति बनाएंगे।
प्रवर समिति को भेजने की मांग
विवादित तीन तलाक विधेयक को विपक्षी दलों का कड़ा विरोध झेलना पड़ सकता है। विपक्ष इसे आगे की जांच के लिए प्रवर समिति में भेजने की अपनी मांग को लेकर लामबंद है। विपक्ष ने तीन तलाक विधेयक के मजबूत प्रावधानों पर सवाल उठाए हैं। सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू के अपनी सास के निधन के कारण सोमवार को सदन में उपस्थित रहने की आसार नहीं है व राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सदन की कार्यवाही के संचालन का जिम्मा संभाल सकते हैं।
रविशंकर पेश करेंगे बिल
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ऊपरी सदन में इस विधेयक को पेश करेंगे। विधेयक को गुरुवार को विपक्ष के बहिर्गमन के बीच लोकसभा द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। विधेयक के पक्ष में 245 जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे। रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को दावा किया था कि भले ही राज्यसभा में बीजेपी नीत राजग के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं हो लेकिन सदन में इस विधेयक को समर्थन मिलेगा। विधेयक को सोमवार को राज्यसभा के विधायी एजेंडे में शामिल किया गया है।
एनडीए के पास 93 सदस्य संख्या
सूत्रों ने बोला कि राज्यसभा में संख्याबल विपक्ष के समर्थन में है जहां संप्रग के पास 112 जबकि राजग के पास 93 सदस्य हैं। एक सीट खाली है जबकि बाकी के अन्य दलों के 39 सदस्य न तो राजग व ना ही संप्रग से जुड़े हैं व वे विवादित विधेयक के पारित होने में जरूरी किरदार निभा सकते हैं।
सभी दलों से मांगा है समर्थन
संसदीय काम राज्यमंत्री विजय गोयल ने भी इस विधेयक को पारित कराने में सभी दलों से समर्थन मांगा है। प्रस्तावित कानून में, एक बार में तीन तलाक को अवैध व शून्य ठहराया गया है व ऐसा करने वाले पति को तीन वर्ष के कारावास का प्रावधान है। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक व विपक्षी दल द्रमुक विवादास्पद तीन तलाक विधेयक का सोमवार को राज्यसभा में विरोध करेंगे। यह बात दोनों दलों ने रविवार को कही। मुस्लिम महिला शादी अधिकार संरक्षण विधेयक 2018 के तहत मुस्लिमों के बीच तुरंत तलाक को आपराधिक कृत्य बनाया गया है।
अन्नाद्रमुक का विरोध का ऐलान
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के नेता व लोकसभा में उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई ने कहा, ‘‘हम तीन तलाक विधेयक का विरोध करते हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अन्नाद्रमुक का कर्तव्य है कि अल्पसंख्यकों के कल्याण की रक्षा करे। हमारे मुस्लिम भाईयों के विरूद्ध इस विधेयक का अन्नाद्रमुक पूरी तरह विरोध करेगा। ’’ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेता व राज्यसभा की सदस्य कनिमोझी ने बोला कि तीन तलाक को ‘‘अपराध बनाए जाने’’ के विरोध में उनकी पार्टी का रूख अडिग है।