बिहार में थम नहीं रहा ये जानलेवा कहर, अब तक 113 बच्चों की हुई मौत

बिहार के मुजफ्फरपुर  पड़ोसी जिलों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) मतलब चमकी बुखार से बच्चों के मरने का दौर बदस्तूर जारी है

वहीं, चिकित्सक  स्वास्थ्य ऑफिसर अभी भी बीमारी की सटीक प्रकृति  वजह के सम्बन्ध में अंधेरे में हैं प्रदेश   केन्द्र  सरकार के पास भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मुजफ्फरपुर  पड़ोसी जिलों में अब तक 113 बच्चों की जान जा चुकी है

वहीं, मीडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार, चमकी बुखार से अब तक 147 बच्चों की मौत हो चुकी है मरने वाले बच्चों में से सबसे अधिक मुजफ्फरपुर से 119 है इसके साथ ही वैशाली से 12, समस्तीपुर से पांच, पटना  मोतिहारी से दो-दो, बेगूसराय से छह  भागलपुर से एक बच्चे की मृत्यु की बात प्रकाश में आई है बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बोला है कि कुल 113 मौतों में से 91 मौतें राजकीय श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच), 16 व्यक्तिगत केजरीवाल अस्पताल (दोनों मुजफ्फरपुर में), दो पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज में  चार अन्य जिलों में रिकॉर्ड की गई हैं

इस साल प्रदेश में अब तक 501 एईएस के मुद्दे प्रकाश में आए हैं डॉक्टरों  स्वास्थ्य अधिकारियों के एईएस महामारी के पीछे के कारकों  मौतों की वजह पर भिन्न-भिन्न विचार हैंइस भ्रम ने एईएस के मौसमी प्रकोप से निपटने या नियंत्रित करने की प्रक्रिया को  जटिल कर दिया है, जो प्रति साल आता है