बिहार में एक बार फिर होने जा रहा ये , नेताओ ने शुरू की तैयारी…

इस विधानसभा चुनाव में भी शराबबंदी का मुद्दा छाया रहा था, कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में शराबबंदी कानून में संशोधन की बात कही थी. साथ ही कई राजद नेताओं ने चुनावी सभा में कहा था कि महागठबंधन की सरकार बनती है .

 

 

तो बिहार में फिर शराब की बिक्री शुरू होगी. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महिला वोटरों का महागठबंधन को वोट ना करने के पीछे यह एक बड़ा कारण रहा था.

गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने पिछले चुनाव में शराबबंदी का वादा किया था और राज्य में 2016 में ये लागू की गई थी. पिछले 4 साल में शराबबंदी कानून के तहत 4 लाख लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि राज्य के राजस्व पर 4000 करोड़ रुपये तक का असर पड़ा.

आपको बता दें कि शराबबंदी नीतीश कुमार के एक बड़े फैसलों में गिना जाता है, जिसके कारण उन्हें अक्सर राज्य में महिला वोटरों का साथ मिलता आया है. हाल ही में विधानसभा चुनाव में भी महिला वोटरों ने जदयू समेत एनडीए को जमकर वोट दिया है, जिसका मुख्य कारण शराबबंदी जैसा फैसला बताया जाता है.

हालांकि, चुनावी माहौल में ही कई बार बिहार में शराब जब्त की गई है. जबकि विपक्ष ने भी शराबबंदी को फेल करार दिया था और कहा था कि इससे राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है.

झारखंड से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट में लिखा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि शराबबंदी में कुछ संशोधन करें, क्योंकि जिनको पीना या पिलाना है वे नेपाल, बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ का रास्ता अपनाते हैं. बीजेपी सांसद ने कहा कि इससे राजस्व की हानि, होटल उद्योग प्रभावित तथा पुलिस, एक्साइज भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं.

बिहार में एनडीए की सरकार बनने जा रही है और नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे. लेकिन सरकार गठन से पहले ही भारतीय जनता पार्टी के नेता निशिकांत दुबे ने नीतीश कुमार से एक अपील की है. निशिकांत दुबे की मांग है कि बिहार में शराबबंदी में संशोधन किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे राज्य में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है.