बढ़ती जा रही कांग्रेस की आंतरिक कलह , अब तेलंगाना के नेताओं ने खोला मोर्चा

तेलंगाना में विधासभा चुनाव से पहले कांग्रेस की आंतरिक कलह बढ़ती जा रही है। कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख रेवंत रेड्डी के खिलाफ नेताओं ने दिल्ली का रुख किया है। पार्टी के कई नेता रेड्डी के काम करने के तरीके और फैसलों पर सवाल उठा रहे हैं।

खास बात है कि यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है, जब भारतीय जनता पार्टी ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों की रफ्तार बढ़ा दी है। खास बात है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पहले ही नेताओं की नाराजगी का सामना कर रही है। हाल ही में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने G-23 समूह के कुछ नेताओं के साथ बैठक की है।

तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद वी हनुमंता राव ने सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि वे तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख रेड्डी की तरफ से एकतरफा लिए गए विवादास्पद फैसलों की सूची सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। राव ने कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भाटी विक्रमार्क और विधायक डी श्रीधर बाबू ने हाल ही में कई बार बैठकें की हैं।

खुद को कांग्रेस वफादार बता रहे ये नेता रेड्डी के काम करने के तरीके की आलोचना कर रहे हैं। असंतुष्ट नेताओं की बैठकों में टीपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष टी जय प्रकाश रेड्डी (जग्गा रेड्डी) और पूर्व मंत्री मारी शशिधर रेड्डी भी शामिल रहे हैं।

जग्गा रेड्डी खुलकर रेवंत रेड्डी का आलोचना कर रहे हैं। हाल ही में विधायक ने पार्टी से इस्तीफा देने की भी घोषणा कर दी थी, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के दखल के बाद उन्होंने फैसला वापस ले लिया था। खबरें हैं कि जग्गा रेड्डी इस बात से नाराज हैं कि प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख ने उनके क्षेत्र संगारेड्डी में बगैर सलाह मशविरा किए विरोध प्रदर्शन आयोजित किए।

इधर, सोमवार को रेवंत रेड्डी ने जग्गा को संगठन स्तर की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया। खास बात है कि एक दिन पहले ही जग्गा रेड्डी ने रेवंत के सामने चुनौती दी थी कि वे संगारेड्डी क्षेत्र से कोई भी उम्मीदवार उतार दें और उनकी जीत सुनिश्चित करें। उन्होंने इस्तीफा देकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की पेशकश की थी।