बजट 2019 : एक मिनट में जाने आम लोगो के फायदे के बारे में, जानिए किसे मिलेगा ज्यादा लाभ

 केंद्रीय वित्त व कॉरपोरेट काम मंत्री ने शुक्रवार को अपना पहला दिया व संसद में 2019-20 का बजट पेश किया। किसी वजह से अगर आप वित्त मंत्री का बजट सम्बोधनसुन नहीं पाए हैं तो हम आपकी इस समस्या को दूर करने की प्रयास कर रहे हैं।

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आप यहां एक मिनट में बजट की सभी मुख्य बातें जान सकते हैं। बजट की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं : दशक के लिए 10 बिन्दुओं की परिकल्पना :

-जन सहभागिता से टीम इंडिया का निर्माण : न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन।

-हरी-भरी पृथ्वी व नीले आकाश के साथ प्रदूषण मुक्त हिंदुस्तान बनाना।

-डिजिटल इंडिया को अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र तक पहुंचाना।

-गगनयान, चन्द्रयान, अन्य अंतरिक्ष व उपग्रह कार्यक्रमों की शुरुआत।

-वास्तविक व सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण।

-नीली अर्थव्यवस्था।

-खाद्यान्नों, दालों, तिलहनों, फलों व सब्जियों में आत्मनिर्भरता व निर्यात।

-आयुष्मान भारत, पोषणयुक्त मां व बच्चा के जरिए स्वस्थ समाज की स्थापना, नागरिकों की सुरक्षा।

-एमएसएमई, मेक इन इंडिया के भीतर स्टार्ट-अप्स, रक्षा निर्माण, मोटर वाहनों, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्रों व बैटरियों तथा चिकित्सा उपकरणों पर जोर।

5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर :

-वर्तमान साल में हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी।

-सरकार हिंदुस्तान को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहती है।

-उद्योग जगत हिंदुस्तान का रोजगार सृजक व देश का संपदा सृजनकर्ता है।

निम्न में निवेश की जरूरत है :

-बुनियादी ढांचा

-डिजिटल अर्थव्यवस्था

-छोटी व मझोली कंपनियों में नौकरियों का सृजन

-निवेश का उत्कृष्ट दौर प्रारम्भ करने के लिए अनेक पहलें प्रस्तावित।

-ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के लिए मुद्रा ऋणों के जरिए जन सामान्य के ज़िंदगी में बदलाव।

प्रत्यक्षकर :

– 400 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए कर की दर घटाकर 25 फीसदी की गई।

– 2 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये तथा 5 करोड़ रुपये व उससे अधिक की करयोग्य आय वाले व्यक्तियों पर अधिभार बढ़ाया गया।

– कर भुगतान की श्रेणी में हिंदुस्तान की कारोबार करने की सुगमता वाली रैंकिंग 2017 में 172 से 2019 में 121 हो गई।

– पिछले पांच वर्षो में प्रत्यक्षकर राजस्व 78 फीसदी से बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपये हो गया।

– कर सरलीकरण व ज़िंदगी में सुगमता- प्रौद्योगिकी का फायदा उठाकर अनुपालन को सुगम बनाना।

– पैन व आधार में आपसी अदला-बदली

– जिनके पास पैन नहीं है, वे आधार के जरिए रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

– जहां पैन की जरूरत है, वहां आधार प्रयोग किया जा सकता है।

– पहले से भरी हुई इनकम टैक्स विवरणियां दाखिल करना

– आय व कटौती सहित पहले से भरी हुई कर विवरणियां कर दाताओं को उपलब्ध कराई जाएंगी।

– बैंकों, स्टॉक एक्सचेंजों, म्यूचुअल फंडों से सूचना जुटाई जाएगी।

सोशल स्टॉक एक्सचेंज :

– सेबी के विनियामक दायरे में इलेक्ट्रॉनिक फंड रेजिंग प्लेटफॉर्म

– सामाजिक उद्यमों व स्वैच्छिक संगठनों को सूचीबद्ध करना।

– इक्विटी, ऋण या म्यूचअल फंड जैसी यूनिटों की तरह पूंजी जुटाना।

– सेबी सूचीबद्ध कंपनियों में न्यूनतम सरकारी शेयरधारिता 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने पर विचार करेगा।

– विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) मानदंडों को निवेशकों के अधिक से अधिक अनुकूल बनाना।

– राजकोषीय हुंडियों व सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए खुदरा निवेशक लाने के लिए सरकार स्टॉक एक्सचेंजों का प्रयोग करते हुए संस्थागत विकास सहित भारतीय रिजर्व बैंकके प्रयासों को पूर्णता प्रदान करेगी।

कनेक्टिविटी के लिए :

– पीएम ग्राम सड़क योजना

– औद्योगिक गलियारे, समर्पित माल-भाड़ा गलियारा।

– भारतमाला व सागरमाला परियोजनाएं, जलमार्ग विकास व उड़ान योजनाएं।

– भारतमाला परियोजना के दूसरे चरण में प्रदेश सड़क नेटवर्क विकसित किया जाएगा।

– जलमार्ग विकास परियोजना के भीतर गंगा नदी की नौवहन क्षमता बढ़ाने के लिए साहिबगंज व हल्दिया में दो टर्मिनल तथा फरक्का में एक नेवीगेशनल लॉक का काम 2019-20 में पूरा हो जाएगा।

गंगा नदी पर कार्गो की आवाजाही अगले चार वर्षो में लगभग चार गुना बढ़ जाने का अनुमान है, जिससे माल व यात्रियों की आवाजाही सस्ती होगी व आयात बिल में कमी आएगी।

– साल 2018-2030 के दौरान रेलवे के बुनियादी ढांचे के लिए 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी।

– पटरियों के तेजी से विकास व उन्हें बिछाने, रोलिंग स्टॉक विनिर्माण तथा यात्री माल-भाड़ा सेवा की सुपुर्दगी के लिए सार्वजनिक व्यक्तिगत सहभागिता का प्रस्ताव।

– देश भर में मेट्रो रेल नेटवर्क की 657 किलोमीटर लाइन चालू।

– विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए रख-रखाव, मरम्मत व ओवरहॉल के विकास के लिए नीतिगत हस्तक्षेप।

– एफएएमई योजना के दूसरे चरण के लिए मंजूर तीन साल के लिए 10,000 करोड़ रुपये का व्यय।

– इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से खरीद व चार्जिग बुनियादी ढांचे के लिए बढ़े हुए प्रोत्साहन का प्रस्ताव।

– राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोग्राम की पुर्नसरचना की जाएगी, ताकि एक राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रिड सुनिश्चित किया जा सके।

एक देश एक ग्रिड के भीतर किफायती दरों पर राज्यों को बिजली।

– गैस ग्रिड, जल ग्रिड, अंतर्देशीय जलमार्गो व क्षेत्रीय हवाईअड्डों के लिए ब्लू प्रिंट उपलब्ध कराया जाए।