मामले पर ब्रेकथ्रो साइंस सोसाइटी (बीएसएस) कर्नाटक की सेक्रेटरी रजनी केएस का कहना है, “2015 में हुए मुंबई सेशन के बाद हमने आईएससी असोसिएशन के अध्यक्ष से मुलाकात की थी व अपनी चिंताओं पर आधारित एक याचिका सौंपी थी. लेकिन फिर भी वही वस्तु होती गई. लोगों को आयोजकों से पूछना चाहिए कि वह कैसे इजाजत दे सकते हैं.”
बीएसएस अब सोमवार को हिंदुस्तान के कई शहरों में प्रदर्शन करेगा. आंध्रा विश्विद्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया जाएगा क्योंकि वहां के वीसी जी नागेश्वर राव ने बोला था कि कैरवों का जन्म स्टेम सेल तकनीक के जरिए हुआ व रावण के पास 24 तरह के हवाई जहाज थे.
रजनी ने कहा, “हम 10 से भी अधिक शहरों में प्रदर्शन करेंगे. यह महत्वपूर्ण है कि हम लोगों को बताएं कि ऐसे दावों की आईसीएस जैसे कार्यक्रमों में कोई स्थान नहीं है.” ऑल इंडिया कमिटि व बीएसएस की ओर से जारी बयान में बोला गया है, “यह पूरी तरह से परेशान करने वाला है कि ऐसे दावे आईएससी के चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस पार्टी सेशन में किए गए. जहां दर्शकों में बड़ी संख्या में अध्यापक व विद्यार्थी शामिल थे.”
कई इंडियन वैज्ञानिकों ने कांग्रेस पार्टी जैसे प्रख्यात मंच पर प्राचीन समय के आविष्कारों पर किए इन दावों की निंदा की है. एयरोस्पेस वैज्ञानिक रोड्डम नरसिम्हा ने बोला है कि कई अन्य सेशनों में भी इसी तरह के दावे करने की बात सामने आई थी.
प्रख्यात वैज्ञानिक सीएनआर राव का कहना है, “मैं कांग्रेस पार्टी के सेशन में जाने से परहेज करता हूं. अगर मैं गया, तो ऐसा प्रतीत होगा कि मैं उन बयानों व दावों की पुष्टि पर रहा हूं.” इसी दौरान रविवार को जालंधर के चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस पार्टी के जनरल प्रेसिडेंट मनोज कुमार ने सेशल में शामिल लोगों से बोला कि जो भी दावे शुक्रवार को दो वैज्ञानिकों ने किए थे, उन्हें भूल जाएं.