एलपीसी गैस सब्सिडी छोड़ चुके या कभी भी सब्सिडी नहीं लेने वाले लगभग दो करोड़ उपभोक्ता चाहें तो सब्सिडी ले सकते हैं. अगर आप इन कस्टमर्स में शामिल हैं जो गैस सब्सिडी नहीं लेते हैं तो इसका लाभ लेने के लिए गैस एजेंसी से रिक्वेस्ट कर सकते हैं. इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या दो करोड़ है जो सब्सिडी नहीं लेते हैं. ऑयल कंपनियों के एग्जिक्यूटिव्स ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि सब्सिडी के लिए आप गैस एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं.

Image result for फिर से पा सकते हैं सब्सिडी, बस करना होगा ये काम

दो साल में बिना सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर की कीमत 389 रुपए बढ़ी है. यानी बिना सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर 79 प्रतिशत महंगे हुए हैं. ऐसे में कस्टमर्स ये सोच रहे हैं कि सब्सिडी छोड़ने का उनका फैसला कितना सही था. देश में करीब 24.5 करोड़ कुकिंग गैस कंज्यूमर हैं. इनमें से 8.3 प्रतिशत यानी लगभग 2 करोड़ कस्टमर्स सब्सिडी नहीं लेते या उन्हें सब्सिडी नहीं मिलती है.

करीब 1.04 करोड़ कस्टमर्स ने पिछले कुछ वर्षों में सब्सिडी छोड़ी है. सरकार के गिव इट अप कैंपेन के अलावा ऑयल कंपनियों ने भी नए कस्टमर्स को यह ऑप्शन देना शुरू किया है कि वे चाहें तो शुरू से ही सब्सिडी न लें. सब्सिडी न पाने वाले दो करोड़ कंज्यूमर्स में वे भी शामिल हैं, जो सब्सिडी ट्रांसफर के लिए बैंक खाते या आधार की डीटेल्स नहीं दे सके. इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनकी एनुअल टैक्सेबल इनकम 10 लाख रुपये से ज्यादा है.

एक कंपनी एग्जिक्यूटिव ने कहा कि कुकिंग गैस सब्सिडी चाहने वाले व्यक्ति को इसका अनुरोध अपनी गैस एजेंसी से करना होगा और यह डेक्लेरेशन देना होगा कि उसकी सालाना टैक्सेबल इनकम 10 लाख रुपये या इससे कम है. यह बेनिफिट पाने के लिए आधार और बैंक खाते की जानकारी भी देनी होगी.

ठीकठाक आर्थिक स्थिति वाले कस्टमर्स को सब्सिडी छोड़ने को प्रेरित करने से सरकार को इस ईंधन का उपयोग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ाने में मदद मिली है. ऑयल की कम कीमत के अलावा पेट्रोल और डीजल सेल्स के डीरेग्युलेशन ने भी फ्यूल सब्सिडी को कम रखने में मदद की थी. हालांकि क्रूड ऑयल का दाम तेजी से चढ़ने के कारण अभी इस ट्रेंड में बदलाव आ रहा है. 2018-19 के दौरान कुकिंग गैस सब्सिडी के बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है.