फर्रुखाबाद: घर बाहर खेलते समय बोरवेल में गिरी थी सीमा

42 घंटे बीत जाने के बाद भी पांच साल की मासूम सीमा को बोरवेल से बाहर नहीं निकाला जा सका है। वहीं, सीमा के परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है। उधर, पूरे गांव में दुआ और प्रार्थना का दौर लगाता जारी है। लोग सीमा को सुरक्षित वापस देखने के लिए व्याकुल हैं। आपको बता दें कि 3 अप्रैल को कमालगंज थाना क्षेत्र के गांव रसीदपुर में बुधवार दोपहर खेलते समय 5 साल की बच्ची 60 फुट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। जिसके बाद से ही सेना, एनडीआरएफ सहित आपदा प्रबंधन की टीमों सीमा को बचाने के लिए लगी हुई है।

जानकारी के अनुसार, फर्रुखाबाद के रसीदपुर गांव निवासी स्व. नरेश चन्द्र के बड़े भाई महेश चन्द्र के घर के पास बोरिंग का काम चल रहा था। बुधवार को बोरवेल का काम बंद था। जिसके चलते नरेश की बेटी सीमा (5) बच्चों के साथ बोरवेल के पास खेल रही थी। खेलते-खलते सीमा अचानक 60 फीट बोरवेल में जा गिरी। यह देख वहां खेल रहे बच्चों ने शोर मचाया। जिसके बाद मोहल्ले के लोग एकत्र हो गए। उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने उच्च अधिकारीयों को सूचना दी। मौके पर पहुंचे जिला प्रशासन और डॉक्टरों की टीम ने रेस्क्यू शुरू किया। इस बीच डीएम ने सेना को बुला लिया गया है।

रेस्क्यू के दौरान मिट्टी में धस गए थे सेना के दौ जवान

बता दें कि बलुई मिटटी होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। गुरुवार को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मिट्टी धंसने से सेना के दो जवान घायल हो गए। जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया था। फिर डीएम मोनिका रानी ने मंडलायुक्त से बात कर एनडीआरएफ की टीम लखनऊ से बुलाई। 15 सदस्यीय टीम के पहुंचते ही पाइप के बीच में रस्सी डालकर बालिका के सिर के ऊपर दिख रहे दोनों हाथ में फंदा लगाकर निकालने का प्रयास शुरू किया गया, लेकिन इसे बीच में ही रोक दिया गया।

सिलेंडर से पहुंचाई जा रही हैं आक्सीजन

बोरवेल में फंसी बच्ची की सलामती को हर संभव कोशिश की जा रही है। प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौके पर डेरा डाले हुए हैं। गहरे गड्ढे में सांस लेने में बच्ची को कोई दिक्कत न हो इसको लेकर सिलेंडर से आक्सीजन पहुंचाई जा रही है। अभी तक तीन सिलेंडर खत्म हो चुके हैं और सिलेंडर की भी डिमांड की गई है। डॉक्टरों का दल भी मौके पर डटा है। पूरे रेस्क्यू पर डीएम और एसपी भी नजर रखे हुए हैं।

गांव में जारी दुआओं का दौर, नहीं जले चूल्हे

गांव की बेटी सीमा के लिए हर किसी ने दुआएं की। रात से ही लोग बिटिया की सलामती की खबर को लेकर बेचैन रहे। घरों में पूजा-पाठ करते हुए सीमा के सकुशल वापसी की प्रार्थनाएं की गईं। ग्रामीणों ने भी बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए ईश्वर से कामनाएं की। वहीं मां उर्मिला का रो रोकर बुराहाल है। उसको तसल्ली बंधाने के लिए गांव के लोग जुटे है। भाई आदेश बाहर है उसके आने का सभी को इंतजार है।