प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने के लिये ताइवान व वियतनाम ने उठाया यह बड़ा कदम, पैकिंग के लिये इसका करेंगे प्रयोग

प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने के िलए ताइवान और वियतनाम मेंे अनूठी पहल हुई है. खास बात यह है कि यह पहल आम लोगों ने अपने स्तर पर की है. यहां सामान की पैकिंग के लिए केले के पत्तों का प्रयोग हो रहा है. वहीं इको फ्रेंडली प्रोडक्ट पर डिस्काउंट, मक्के के पाउडर से बने बैग और रिसाइकिल स्टेशनरी चलन में आ गई है.

वियतनाम में सबसे बड़ा इस्तेमाल शॉपिंग मॉल  दुकानों में हुआ है. यहां सामान केले के पत्तों में बांधकर दिया जा रहा है. छोटा सामान और सब्जियां अब पत्तों में ही दी जा रही हैं.इसकी प्रेरणा थाईलैंड के एक सुपर बाजार से मिली थी. 21 मार्च 2019 को सुपर बाजार ने फेसबुक पर पॉलिथिन बैग की स्थान केले के पत्ते में सब्जियां बांधकर देने के फोटो औरवीडियो पोस्ट किए थे. वियतनाम में इन तस्वीरों को न केवल पसंद किया गया बल्कि लोगों ने इस आइडिया को अपनाया भी. हो ची मिन्ह सिटी के ग्यूएन अन थाओ ने अपने स्टोर में सब्जियों की पैकिंग के लिए केले के पत्तों का प्रयोग प्रारम्भ किया. वे इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट खरीदने पर ज्यादा डिस्काउंट दे रहे हैं.

इसी तरह लोटे मार्ट गन्ने के कचरे से सामान पैक कर रहे हैं. इधर, वियतनाम में चाय या कॉफी के लिए लोग घर से मग लेकर आ रहे हैं. इको फ्रेंडली प्रोडक्ट्स के बढ़ते प्रयोग को देख लोग इसे आजीविका बना रहे हैं.
बता दें कि सेंट्रल वियतनाम के क्वांग नम प्रांत के चैम आइसलैंड में बीते 10 वर्षों से प्लास्टिक बैग्स पर प्रतिबंध है.

वियतनाम में यहां पेपर स्ट्रॉ का उपयोग किया जाने लगा है. साथ ही बिग सी मॉल बायो-डिग्रेडेबल शॉपिंग बैग्स बेचता है, जो मक्के के पाउडर से बने होते हैं. कैन थाओ के ल्यू तू रॉन्ग हाईस्कूल में जीरो वेस्ट क्लब बनाया गया है. प्रधानाचार्य सहित पूरा स्टाफ पेपर की स्थान रिसाइकिल स्टेशनरी प्रयोग कर रहा है. ताइवान में वीयू थिन एक ट्रेडिंग कंपनी में कार्यकरते थे, लेकिन अब आलू के स्टार्च से बैग बना रहे हैं.

इन राष्ट्रों में भी नो-प्लास्टिक इनीशिएटिव, 2015 की स्टडी से खुली आंखें

ताइवान, वियतनाम के अतिरिक्त केन्या, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, जिम्बाव्वे और मोरक्को ने भी प्लास्टिक से तौबा की है. 2015 की एक स्टडी कहती है कि थाईलैंड-वियतनाम, संसारके समुद्रों में मिलने वाले 60% कचरे के जिम्मेदार हैं. यही बात वियतनाम के लोगों के दिमाग में घर कर चुकी है.