प्रियंका गांधी राजनीति में आने को लेकर कई सालों से पर्दे के पीछे से निभा रही हैं अहम रोल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी के राजनीति में आने को लेकर कई सालों से लगातार कई तरह के कयास रहे हैं। वो पार्टी में किसी पद पर नहीं हैं और ना ही कोई चुनाव उन्होंने लड़ा है लेकिन उनकी भूमिका की चर्चा हमेशा रही है। वो पार्टी के लिए प्रचार के साथ-साथ कांग्रेस नेताओं के साथ बीच-बीच में बैठकें भी करती रही है। हाल ही में कांग्रेस की तीन राज्यों में जीत के बाद वहां मुख्यमंत्रियों के चयन में प्रियंकी की अहम भूमिका की बात सामने आई है। जिसके बाद इस को लेकर फिर से बात हो रही है कि क्या पर्दे के पीछे से कांग्रेस में वो बड़े फैसले ले रही हैं।

सीएम पर चर्चा के लिए पहुंची राहुल के घर
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस आलाकमान को कई दिनों तक मुख्यमंत्री के नामों के लिए जूझना पड़ा था। सभी राज्यों में एक से ज्यादा दावेदार थे, तो ऐसे में एक नेता चुनने की जिम्मेदारी राहुल पर थी। इस दौरान राहुल गांधी के घर लगातार बैठकें हुईं। इस दौरान कांग्रेस सोनिया गांधी के अलावा प्रियंका गांधी कई बार राहुल के घर जाती दिखीं। बताया गया कि मुख्यमंत्रियों को नामों पर फाइनल मुहर में उनकी काफी सक्रियता रही।

अहम मामलों पर ली जाती है प्रियंका की राय

बताया जाता है कि प्रियंका अमूमन अहम मौके पर ही अपनी राय देती हैं। बताया गया है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सीएम चुनने को लेकर उन्होंने स्पष्ट तौर पर अपनी बात रखी। प्रियंका पार्टी के बड़े मसलों के अलावा अपने भाई राहुल की संसदीय सीट और अमेठी और मां सोनिया की सीट रायबरेली में प्रचार के अलाव यहां के नेताओं से भी मिलती रहती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का ये भी कहना है कि रणनीति के तहत ही प्रियंका पर्दे के पीछे से काम कर रही हैं।

यूपी चुनाव के दौन दिखीं थी सक्रियता

इससे पहले यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान प्रियंका काफी सक्रिया दिखी थी। तब समाजवादी पार्टी से गठबंधन और दूसरे मुद्दों पर उनकी भूमिका रही थी प्रियंका ने तब यूपी में कांग्रेस पदाधिकारियों साथ कई मीटिंग की थीं। इस तरह के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि खराब स्वास्थ्य के चलते सोनिया गांधी इस बार शायद चुनाव नहीं लड़ेंगी, ऐसे में उनकी सीट रायबरेली पर प्रियंका कांग्रेस की प्रत्याशी हो सकती हैं।