प्रदेश के जंगलों में बढ़ते अपराध पर नजर रखेंगे बेल्जियन शेफर्ड डॉग

 प्रदेश के जंगलों में बढ़ते अपराध, लंबे समय से सक्रिय शिकारियों पर नकेल कसने के लिए अब बेल्जियन शेफर्ड डॉग को जंगलों में उतारने की तैयारी है. वन्य जीवों के शिकार के मुद्दे लगातार बढ़ रहे हैं इसलिए वन विभाग ने यह निर्णय लिया है. छह बेल्जियन शेफर्ड खरीदने का प्लान है, जिनमें से दो अंबिकापुर संभाग, दो जगदलपुर  दो रायपुर संभाग में तैनात किए जाएंगे.

प्रदेश के जंगलों में शिकारियों का आतंक है. शिकारियों द्वारा वन रक्षकों पर हमला करने की घटना भी आए दिन होती रहती है. दो माह पहले ही अचानकमार टाइगर रिजर्व में वन रक्षक पर शिकारी ने तीर से हमला कर दिया था. ऐसी घटनाओं के देखते हुए वन विभाग ने बेल्जियन शेफर्ड खरीदने का फैसला लिया है. विभाग के अधिकारियों के अनुसार दो महीने के अंदर मेल डॉग खरीदकर लाए जाएंगे.

पानी में भी गंध पकड़ने की क्षमता

एपीसीसीएफ जेएसीएस राव ने बताया कि बेल्जियन शेफर्ड की अच्छाई है कि वह पानी के अंदर छिपी चीजों को भी खोज निकालने में माहिर होता है, क्योंकि पानी के अंदर भी उसकी गंध पकड़ने की क्षमता होती है. घटना के बाद यदि क्रिमिनल पानी के अंदर से भी गुजरा है तो वह उसे खोज निकालेगा. इन डॉग्स की सूंघने की क्षमता इंसान से 200 गुना ज्यादा होती है.ये अन्य डॉग्स के मुकाबले किसी गंध को ज्यादा देर तक ग्रहण कर रख सकते हैं.

भोपाल या ग्वालियर में दी जाएंगी ट्रेनिंग

पीसीसीएफ का बोलना है कि डॉग्स को लाने के बाद उनको हैदराबाद या भोपाल में नौ माह की ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्हें ट्रैकर, स्नीफर  नारकोटिक्स के केस डिटेक्ट करने में माहिर बनाया जाएगा. इसके अतिरिक्त मेल मिलाप, हाउस मैनर्स, ओबिडिएंट  नोज वर्क (स्मेलिंग) के बारे में भी सिखाया जाएगा. डॉग्स के साथ-साथ हैंडलिंग करने वालों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी.