प्रदूषण रोकने के साथ आपको इन सभी खतरों से बचाएगी तुलसी, जानिये इसके फायदे

अक्सर माना जाता है कि वायु प्रदूषण से रक्त दूषित होने लगता है जो कि गलत धारणा है. दूषित वायु हमारी संास के जरिए फेफड़ों तक पहुंचती है जो ऑक्सीजन की स्थान लेने लगती है. धीरे-धीरे कार्बनडाईऑक्साइड की मात्रा बढऩे लगती है जिससे हीमोग्लोबिन रक्त को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करा पाता, इस स्थिति को कार्बोऑक्सीहीमोग्लोबिन कहते हैं.

ऐसे बढ़ता है खतरा
शरीर को ९०-१०० प्रतिशत ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है लेकिन प्रदूषण के कारण जब यह स्तर ९० प्रतिशत से कम हो जाता है तो हाइपोऑक्सिया (ऑक्सीजन की कमी) होने लगता है जिससे थकान, आलस, जुकाम, खांसी, आंखों में जलन और स्कीन संबंधी संक्रमण होने लगते हैं.

तुलसी का पौधा लगाएं
तुलसी वातावरण में उपस्थित प्रदूषण को ३०फीसदी तक कम करती है. इसके लिए ७-११ तुलसी के पत्ते, अदरक, गुड़ और दो कालीमिर्च के दानों को एक गिलास पानी के साथ उबाल लें. एक चौथाई रहने पर इसे गुनगुना पिएं. सप्ताह में एक बार इस काढ़े को बनाकर पीने से दूषित वायु का प्रभाव कम होता है.

ये भी जानें
नेचुरोपैथी इलाज में आंतों की शुद्धि के लिए एनीमा दिया जाता है जिससे रक्त भी शुद्ध होता है. दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से खून साफ होता है. पत्तागोभी का जूस भी ले सकते हैं.

इन्हें आजमाएं

  • तुलसी के पत्तों के एक चम्मच रस को दो चम्मच शहद के साथ लें. लेकिन डायबिटीज के मरीज न लें.
  • आधा चम्मच तुलसी के सूखे पत्तों का चूर्ण, एक चौथाई चम्मच सौंठ पाउडर और एक चम्मच शहद को मिलाकर चटनी बना लें. दिन में दो बार चाटें.
  • गिलोय का रस या आंवला और एलोवेरा का रस २-२ चम्मच लें.
  • मिर्च-मसाले, तले-भुने  गरिष्ठ भोजन की बजाय सलाद, उबला और कच्चा खानपान फायदेमंद होगा.
  • अनुलोम-विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम रक्त को शुद्ध करते हैं. इन्हें सूर्योंदय के बाद और सूर्यास्त से पहले १५-१५ मिनट करें.