पैसेंजर ट्रेनो में रेलवे ने किया ये बड़ा बदलाव, जान ले यात्री , वरना झेलनी पड़ सकती है मुसीबत

रेलवे प्रशासन ने तो अभी तक स्पेशल ट्रेनों की भी घोषणा नहीं कर पाया है। यह तब है जब आने वाले दिनों में कई पर्व आने वाले हैं। मेरठ से प्रति माह लाखों यात्री संगम में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज जाते हैं।

 

जानकारों का कहना है कि रेलवे के रूटों पर जो ट्रेनें चल रही हैं, उनके भरोसे तो यात्रा पूरी नहीं हो पाएगी। दिल्ली मंडल प्रशासन ने स्पेशल पैसेंजर ट्रेनों का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। मंथन पर विचार-विमर्श के बाद भी ट्रेनों को चलाने को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद ही ट्रेनों की भी घोषणा हो पाएगी।

दिल्ली,मुरादाबाद, सहारनपुर रूट पर चलने वाले लोग पैसेंजर ट्रेनों के चलने का इंतजार कर रहे हैं। रेलवे प्रशासन भी रेलवे बोर्ड के निर्देशों की बाट जोह रहा है। हालांकि, रेलवे बोर्ड ने आठ दिसंबर को भारतीय रेलवे स्तर पर जनरल काउंटरों को खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया था।

लेकिन दो दिन बाद ही उसने अपना निर्देश वापस ले लिया। फिर भी रेलवे प्रशासन ने काउंटरों को खोलने से पहले पैसेंजर ट्रेनों का प्रस्ताव तैयार कर लिया। लेकिन प्रस्ताव फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रही है।

फिलहाल, स्थानीय लोगों की मांग और रेलवे प्रशासन की पहल पर रेलवे बोर्ड ने कुछ स्पेशल ट्रेनों को चलाने की अनुमति प्रदान कर दी है। लेकिन लोगों की मांग इससे पूरी होने वाली नहीं है।

मेरठ को ही लें तो यहां से हजारों की संख्या में डेली यात्री दिल्ली,गाजियाबाद और अन्य जगहों के लिए प्रतिदिन पैसेजर ट्रेन से यात्रा करते थे। लेकिन मार्च से कोरोना संक्रमण के चलते सभी पैसेजर ट्रेनों के बंद होने से इन हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

वर्ष 2020 के बीत जाने के बाद भी पैसेंजर ट्रेनों को चलाना रेलवे के सामने बड़ी चुनौती बनी हुई है। न जनरल टिकटों की बिक्री शुरू हो पा रही और न ही पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की हरी झंडी मिल रही। स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनों में भी जो जनरल बोगियां लग रहीं हैं, उनमें यात्रा करने के लिए भी अधिक किराया देकर आरक्षित टिकट लेना पड़ रहा है।|