पेट्रोल व डीजल की कीमतों में शनिवार को लगातार 10वें दिन ग्राहकों को राहत मिली। अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे ऑयल की कीमतों में गिरावट आने से पेट्रोल व डीजल के दाम में गिरावट का सिलसिला जारी है।
पिछले एक महीने में ही दिल्ली में ही व डीजल 6.43 रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है। इंटरनेशनल बाजार में शुक्रवार को फिर कच्चे ऑयल के दाम में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल के जो रेट रहे, वह 8 महीने में अब तक का न्यूनतम स्तर है।
पेट्रोल के भाव में 34 पैसे प्रति लीटर की कटौती
ऑयल कंपनियों ने शनिवार को दिल्ली व में 34 पैसे प्रति लीटर की कटौती की, जबकि कोलकाता में पेट्रोल 33 पैसे व चेन्नई में 36 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ। डीजल के दाम में दिल्ली में 37 पैसे, कोलकाता में 49 पैसे, मुंबई में 39 पैसे व चेन्नई में 40 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई। भारतीय तेल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई व चेन्नई में शनिवार को पेट्रोल के भाव क्रमश: 72.53 रुपये, 74.55 रुपये, 78.09 रुपये व 75.26 रुपये प्रति लीटर दर्ज किए गए। चारों महानगरों में डीजल की कीमतें क्रमश: 67.35 रुपये, 69.08 रुपये, 70.50 रुपये व 71.12 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गईं।
27 मार्च के बाद सबसे सस्ता रेट
इससे पहले 27 मार्च 2018 को दिल्ली में पेट्रोल का रेट 72.90 रुपये प्रति लीटर था। वहीं 27 मार्च को कोलकाता में पेट्रोल 75.63 रुपये प्रति लीटर बिका था। इसी तरह डीजल के दाम का यह स्तर पूरे चार महीने बाद आया है। 30 जुलाई 2018 को दिल्ली में डीजल 67.75 रुपये प्रति लीटर बिका था। जो कि 4 महीने बाद शुक्रवार (30 नवंबर) को 67.72 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गया। दूसरी तरफ ऑयल कंपनियों ने आम आदमी को एक व राहत देते हुए सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर 6.52 रुपये सस्ता हुआ है जबकि बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का मार्केट मूल्य 133 रुपये कम हुआ है।
विदेशी वायदा एक्सचेंज पर सबसे सक्रिय वायदा सौदों में ब्रेंट क्रूड का भाव 59.19 डॉलर प्रति बैरल व डब्ल्यूटीआई का भाव 50.70 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। एंजेल ब्रोकिंग हाउस के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता (कमोडिटी और करेंसी रिसर्च) ने बोला कि पेट्रोल व डीजल का भाव व दो से तीन रुपये कम हो सकता है, क्योंकि इंटरनेशनल बाजार में अक्टूबर में चार वर्ष के हाई लेवल पर जाने के बाद बेंट क्रूड में 27 डॉलर प्रति बैरल की कमी आई है। उन्होंने बोला कि कच्चा ऑयल सस्ता होने से डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हुआ है व आयात बिल इजाफा होने से चालू खाते का घाटा बढ़ने की चिंता भी अब कम होगी।