पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बेटे के मर्डर में हुआ एक और बड़ा खुलासा, जानिए ऐसे…

उत्तर प्रदेश  उत्तराखंड के पूर्व सीएम एनडी तिवारी (ND Tiwari) के बेटे के मुद्दे में अपराध ब्रांच (Crime Branch) अगले हफ्ते चार्जशीट (Chargesheet) दाखिल कर सकती है.

परिस्थितजन्य साक्ष्य को इस चार्जशीट का अहम माना गया है, जिसके आधार पर रोहित शेखर (Rohit Shekhar) की पत्नी अपूर्वा शुक्ला को आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने नेल क्लीपिंग, ब्लड और केमिकल टेस्ट से लेकर बिसरा जाँच तक कराए थे, जिसमें बिसरा छोड़ सभी जाँच रिपोर्ट पुलिस को मिल चुकी हैं. इस मुद्दे में खुलासा हुआ है कि मर्डर के दौरान किसी भी बाहरी शख्स के घर में प्रवेश करने या होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं.

क्राइम ब्रांच को जाँच मिली : रोहित शेखर की मर्डर 16 अप्रैल को डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके आवास पर कर दी गई थी. लोकल पुलिस ने जाँच शुरुआत की लेकिन परिजनों ने मृत्यु को सामान्य बताया. 17 अप्रैल की रात जब 5 डॉक्टरो के पैनल द्वारा किए गए पोस्टमार्टम की जो रिपोर्ट आई, उसमें मृत्यु का कारण मुंह नाक दबाकर गला घोंटना सामने आया. इसके बाद मर्डर का मुद्दा पंजीकृत कर जाँच अपराध ब्रांच को सौंप दी गई. 18 अप्रैल से अपराध ब्रांच ने जाँच शुरुआत की थी.

अपूर्वा को आरोपी बनाया : क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में रोहित की पत्नी अपूर्वा को आरोपी बनाया. अपूर्वा  घर में उपस्थित अन्य लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने बोला है कि कार में रोहित और उनके महिला सम्बन्धी ने एक ही गिलास से शराब पी थी. इस बात पर रोहित और अपूर्वा में कहासुनी हुआ  अपूर्वा ने रोहित को गला घोंटकर मार डाला था.पूछताछ, सीसीटीवी फुटेज और मौके से लिए गए नमूनों की जाँच से साफ है कि तब घर में किसी बाहरी का प्रवेश नहीं हुआ था. ब्लड, नेल क्लीपिंग और केमिकल टेस्ट से भी कमरे में रोहित, अपूर्वा और साफ सफाई करने वाले गोलू के ही होने के निशान मिले हैं.

क्राइम ब्रांच को अभी बिसरा रिपोर्ट का इंतजार

क्राइम ब्रांच को अब बिसरा रिपोर्ट का इंतजार है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मुंह नाक दबाकर गला घोंटने के अतिरिक्त मृत्यु की  भी क्या वजह हो सकती है. पुलिस जानना चाहती है कि कहीं खाने-पीने में तो चूक नहीं हो गई, जिससे शरीर में रिएक्शन हो गया हो. 

अपूर्वा के नाखूनों में रोहित की खाल नहीं

अपूर्वा के नाखूनों की जाँच रिपोर्ट में भी रोहित की खाल नहीं मिली है. फोरेंसिक जाँच में पुलिस को पुख्ता प्रमाण नहीं मिलने के कारण वह परिस्थितिजन्य सुबूतों के आधार पर ही चार्जशीट तैयार करने में जुटी है. अब अपराध ब्रांच अगले हफ्ते में चार्जशीट दाखिल कर सकती है.