पूर्ण बहुमत ना मिलने पर कांग्रेस ने दिये इनसे गठबंधन के संकेत, ये बन सकते है गठबंधन के PM

कांग्रेस के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी का एकमात्र उद्देश्य NDA को केंद्र में फिर से सरकार गठन से रोकना है।आजाद ने कहा, “हम पहले ही अपना स्टैंड क्लियर कर चुके हैं।

यदि कांग्रेस के पक्ष में सहमति बनती है तो हम नेतृत्व स्वीकार करेंगे। लेकिन, हमारा लक्ष्य हमेशा यह रहा है कि NDA की सरकार सत्ता में वापस नहीं लौटनी चाहिए। हम सर्वसम्मति से लिये गये फैसले के साथ जायेंगे।’ कांग्रेस नेता का यह कहना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस आम चुनाव के नतीजों को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिख रही है और भाजपा को रोकने की कीमत पर गठबंधन में बड़े त्याग के लिए भी तैयार है।

लोकसभा के आम चुनाव अभी एक चरण का मतदान बाकी है। वहीँ चुनाव परिणाम से पहले ही कांग्रेस ने बहुमत न मिलने की स्थिति में गठबंधन के संकेत दिये हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस का यह भी कहना है कि यदि उसे गठबंधन में PM का पद नहीं मिलता है, तो भी उसे कोई समस्या नहीं होगी।

 

कांग्रेस महासचिव ने कहा, “जब तक हमें PM पद ऑफर नहीं किया जाता है, हम इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे और किसी के भी जिम्मेदारी संभालने पर ऐतराज नहीं होगा।” गौरतलब है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते मंगलवार को विपक्ष को चुनौती देते हुये कहा था कि यदि उसे आम चुनाव में जीत का भरोसा है तो PM पद के अपने उम्मीदवार का ऐलान करे।

हाल ही के दिनों कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि उनकी पार्टी को बहुमत मिलने का चांस नहीं है। एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता ने कहा था कि कांग्रेस को अपने दम पर बहुमत मिलने का चांस नहीं है, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA गठबंधन की सरकार बन सकती है। यही नहीं कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि कांग्रेस को आम चुनाव में 272 सीटें मिलती हैं तो फिर राहुल गांधी को PM पद के लिए नामित करना चाहिए।