जम्मू कश्मीर के पुलवामा में मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल को मंगलवार को देहरादून में अंतिम विदाई दी गई. देहरादून के रहने वाले मेजर ढौंडियाल, जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए चार सैन्य कर्मियों में शामिल हैं. यह मुठभेड़ पुलवामा में केंद्रीय रिवर्ज पुलिस बल के काफिले पर हुए भीषण आतंकवादी हमले के स्थल से थोड़ी दूरी पर हुई. अंतिम विदाई के समय माहौल उस समय गमगीन हो गया जब उनकी पत्नी ने मेजर के ताबूत को छूकर आई लव यू बोला. एक साल पहले की मेजर की शादी हुई थी.
मंगलवार को मेजर विभूति ढौंडियाल के शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. यहां मौजूद लोगों ने भारत माता की जय और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए. मेजर के पिता ओमप्रकाश ढौंडियाल का पहले ही निधन हो चुका है. शहीद के परिवार में बूढ़ी दादी, मां, तीन बहनें और पत्नी हैं. मेजर का परिवार मूल रूप से पौड़ी जिले के बैजरो ढौंड गांव का रहने वाला है.
शहीद मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल 2011 में सेना में शामिल हुए थे. सोमवार शाम विशेष सैन्य विमान से शहीद का पार्थिव शरीर देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लाया गया. इस दौरान शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. सेना ने जवानों ने एयरपोर्ट पर शहीद को सलामी दी. बता दें कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सोमवार को 16 घंटे चली एक मुठभेड़ में 14 फरवरी को सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले से जुड़े आतंकवादी ‘कामरान’ सहित जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए जबकि सेना के एक मेजर और चार सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे.
पिंगलान क्षेत्र में हुई इस भीषण मुठभेड़ में गोली लगने से एक नागरिक भी मारा गया. वहीं इसमें पुलिस उप महानिरीक्षक (दक्षिण कश्मीर) अमित कुमार, एक ब्रिगेडियर, एक लेफ्टिनेंट कर्नल, एक मेजर और यह अभियान संचालित करने वाली सेना की इकाई के चार अन्य कर्मी घायल हो गए. यह मुठभेड़ स्थल उस जगह से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित था जहां गत 14 फरवरी को वह आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें जैश ए मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक से भरा अपना वाहन सीआरपीएफ की बस से टकरा दिया था. उस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. उक्त आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है.