पुत्रदा एकादशी : जाने व्रत रखने के क्या होते है फायदे

संतान प्राप्ति के लिए इस व्रत को करना उत्तम माना जाता है। संतान कामना के लिए इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की भी पूजा की जाती है।

 

यदि पूर्णमनोयोग से नि:संतान दंपति इस व्रत को करें तो उन्‍हें संतान सुख अवश्‍य मिलता है। संतान की प्राप्ति तथा उसके दीघार्यु जीवन के लिए पुत्रदा एकादशी का खास महत्व होता है।

यह व्रत दो प्रकार से रखा जाता है निर्जला और फलाहारी या जलीय व्रत। यदि आप स्वस्थ और उपवास करने में सक्षम हैं तो निर्जला व्रत रखें अन्यथा फलाहारी व्रत रखकर विधिवत पूजा के बाद समय पर इसका पारण करें।

मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करना चाहिए।  यह व्रत संतान प्राप्ति के अलावा संतान की समस्याओं के निवारण हेतु भी किया जाता है। पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से वाजपेयी यज्ञ के समान पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

 प्रत्येक माह में दो एकादशी आती है। पौष में सफला एवं पुत्रदा एकादशी आती है। इस साल पुत्रदा एकादशी व्रत 24 जनवरी 2021 रविवार को है। प्रतिवर्ष पौष मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पुत्रदा एकादशी का व्रत खासकर पुत्र की प्राप्ति और उसके सुख के लिए रखा जाता है।