पीएम नरेंद्र मोदी की ‘रडार थ्योरी’ का एयर मार्शल नांबियार ने किया समर्थन

पीएम नरेंद्र मोदी की ‘रडार थ्योरी’ का सेनाध्यक्ष बिपिन रावत के बाद अब एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने भी समर्थन किया है. इसकी वजह भी उन्होंने खुद ही बताई नांबियार ने बोलाकि घने बादलों की वजह से रडार विमानों की पहचान (डिटेक्ट) नहीं कर पाते हैं.

उन्होंने बोला कि यह बिलकुल ठीक है कि रडार के विमानों की सटीक पहचान करने में बादलों का कुछ असर पड़ता है. इससे पहले केरल में सेना प्रमुख रावत ने भी बोला था कि भिन्न-भिन्न तकनीक के आधार पर कार्य करने वाले विभिन्न प्रकार के रडार हैं. कुछ रडार में बादलों के पार देखने की क्षमता होती है जबकि कुछ में नहीं होती है. कुछ रडार अपने कार्य करने के ढंग की वजह से बादलों के पार नहीं देख पाते. कभी- कभी ऐसा होने कि सम्भावना है, कभी-कभी नहीं भी हो सकता.

दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साक्षात्कार में बोला था कि बालाकोट हमले के दिन मौसम आकस्मित बेकार हो गया था. ऐसे में सब लोग सोच में पड़ गए थे कि इन दशा में क्या किया जाए. कुछ विशेषज्ञों ने हमले की तारीख बदलने की राय दी थी. पीएम ने बोला कि उन्होंने सोचा कि आसमान में इतने घने बादल हैं तो इसका एक लाभ यह है कि हमारे विमान पाकिस्तानी रडार से बच सकते हैं  हमें इसका लाभ भी मिल सकता है. इसके बाद उन्होंने इस दशा में आगे बढ़ने को बोला था.

कांग्रेस समेत विपक्ष ने उड़ाया था मजाक

पीएम की ‘रडार थ्योरी’ का कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्ष दलों के साथ ही मीडिया  सोशल मीडिया पर भी बहुत ज्यादा मजाक बनाया गया था. राहुल ने एक रैली में तंज कसा था कि मोदी जी, कृपया हमें बताएं, जब हिंदुस्तान में बारिश  तूफान आते हैं तो क्या सभी विमान रडार की स्क्रीन से गायब हो जाते हैं.
26 फरवरी को बालाकोट पर हुई थी एयर स्ट्राइक
14 फरवरी को पुलवामा में हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी हमले के बाद वायुसेना ने 26 फरवरी को पाक के बालाकोट में उसके ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी. इसमें बड़ी संख्या में जैश को भारी नुकसान होने  300 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने का दावा किया गया.