पाक ना जाने की वजह से हर हिंदुस्तानी को होगा गर्व

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्‍तान की ओर से आए उस आमंत्रण को ठुकरा दिया है जिसमें उनसे करतारपुर कॉरिडोर की ओपनिंग में शामिल होने का अनुरोध किया गया था। कैप्‍टन अमरिंदर ने बड़ी विनम्रता से इस आमंत्रण को ठुकरा दिया है। कैप्‍टन के इस कदम पर उनकी तारीफ भी हो रही है। आपको बता दें कि बुधवार को पाकिस्‍तान करतारपुर कॉरिडोर को खोलेगा और प्रधानमंत्री इमरान खान इस समारोह में मौजूद रहेंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज पहले ही पाकिस्‍तान के आमंत्रण को ठुकरा चुकी हैं। हालांकि केंद्र सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर इस दौरान करतारपुर साहिब में मौजूद रहेंगी। सोमवार को पंजाब के गुरदासपुर स्थित डेरा सच्‍चा सौदा में उप-राष्‍ट्रपति वैंकेया नायडू की ओर से करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्‍यास किया गया है।

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क्‍यों मना किया कैप्‍टन ने

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की ओर से से सीएम अमरिंदर को पाकिस्‍तान आने का आमंत्रण दिया गया था। ल‍ेकिन कैप्‍टन ने चिट्ठी लिखकर विनम्रता से इस आमंत्रण को ठुकरा दिया है। अपनी चिट्ठी में कैप्‍टन अमरिंदर ने पाकिस्‍तान को याद दिलाया कि कैसे उनके दादा महाराजा भूपिंदर सिंह ने सन् 1920 से 1929 तक बाढ़ से गुरुद्वारे को बचाने के लिए उपाय किए। इसके साथ ही उन्‍होंने कुरैशी को साल 2004 में हुई अपनी पाकिस्‍तान यात्रा भी याद दिलाई। इस यात्रा में कैप्‍टन ने विदेश मंत्री कुरैशी को बताया कि उस दौरान वह नानकाना साहिब और पंजा साहिब गुरुदारे के दर्शन करने गए थे। सन् 1932 में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के पिता महाराजा यदिवेंद्र सिंह ने पंजा साहिब गुरुद्वारे का पुर्ननिर्माण कराया था। कैप्‍टन ने कुरैशी को बताया है कि करतारपुर साहिब के दर्शन करना उनका एक सपना है लेकिन लगता है कि इस समय यह सपना पूरा नहीं हो सकता है। कैप्‍टन ने अपनी चिट्ठी में दो वजहें बताई हैं कि वह क्‍यों करतारपुर साहिब नहीं आ सकते हैं।

कैप्‍टन की बटालियन में तैनात मेजर की शहादत

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह इंडियन आर्मी के एक ऐसे ऑफिसर भी रहे हैं जिन्‍होंने साल 1962 में चीन के खिलाफ युद्ध में हिस्‍सा लिया था। कैप्‍टन ने अपनी चिट्ठी में जो पहली वजह पाकिस्‍तान को बताई है, वह है लगातार नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्‍तान की तरफ से होने वाले आतंकी हमले। कैप्‍टन ने लिखा है एक भी दिन ऐसा नहीं है जब कोई भारतीय सैनिक जम्‍मू कश्मीर में शहीद न हो रहा हो। कैप्‍टन ने लिखा है थोड़े दिन पहले ही एलओसी पर हुए हमले में उनकी बटालियन के एक मेजर और कुछ जवान शहीद हो गए हैं।

आईएसआई फैला रही आतंकवाद

इसके बाद कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने दूसरी वजह बताई है और वह वजह है पाकिस्‍तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई। कैप्‍टन ने लिखा है कि आईएसआई ने अब उनके राज्‍य में फिर से आतंकवाद को उकसाना शुरू कर दिया है। उन्‍होंने लिखा है कि उनकी सरकार ने मार्च 2017 में पंजाब में सत्‍ता संभाली थी। इसके बाद से आईएसआई की ओर से चलाए जा रहे 17 मॉड्यूल्‍स और इससे जुड़े लोगों को खत्‍म किया गया है। उन्‍होंने पाकिस्‍तान को बताया है कि अब तक राज्‍य में 81 आतंकी पकड़े गए हैं और उनके पास से 79 हथियार भी बरामद किए गए हैं। अमरिंदर सिंह ने इसके साथ ही पिछले हफ्ते अमृतसर में हुए हमले का भी जिक्र किया है जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। उन्‍होंने कहा कि जब तक इस तरह की घटनाओं पर लगाम नहीं लगती वह करतारपुर के दर्शन करने के अपने सपने को पूरा नहीं क‍रना चाहते हैं।