पहली बार अंतरिक्ष में होने जा रहा इतना बड़ा काम , चक्कर लगा रहे…

क्लियरस्पेस के संस्थापक और सीईओ ने चेतावनी दी है कि खतरा और बढ़ेगा क्योंकि आने वाले सालों में सैकड़ों यहां तक कि हजारों सैटेलाइट भेजने की योजना है। उनके मुताबिक यह जरूरी है कि नाकाम हुए सैटेलाइटों को बेहद भीड़ वाले इलाके से हटा कर बाहर निकाला जाए।

 

अंतरिक्ष की सफाई का पहला मिशन क्लियरस्पेस-1 अंतरिक्ष में 112 किलो के एक बेकार हो चुके रॉकेट के टुकड़े से निश्चित जगह पर मिलेगा। रॉकेट के इस टुकड़े को वेस्पा कहा जा रहा है।

2013 में एक सेटेलाइट को अंतरिक्ष तक पहुंचाने में इसने मदद की थी। ईएसए का कहना है कि इसकी मजबूत संरचना के कारण शुरुआत के लिए यह अच्छा साबित होगा। इसके बाद की मिशनों में ज्यादा मुश्किल चीजों और फिर कचरे के ढेर को साफ किया जाएगा।

यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसए) के महानिदेशक यान वोएर्नर ने बीते दिसंबर में इस मिशन का एलान करते हुए कहा था कि ‘कल्पना कीजिए, समंदर में चलना कितना खतरनाक होगा अगर इतिहास में गुम हुए सारे जहाज पानी में अब भी मंडरा रहे हों।’

क्लियरस्पेस नाम की इस कंपनी को उम्मीद है कि वह 2025 में एक खास सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजेगी जो पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे कचरे के टुकड़ों को जमा करेगा।

फिलहाल पृथ्वी की कक्षा में बेकार हो चुके सेटेलाइट और दूसरी तरह के कचरे के हजारों टुकड़े पृथ्वी का चक्कर लगा रहे हैं। इससे फिलहाल वहां काम कर रहे सैटेलाइटों और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से टकराने का खतरा बना रहता है।

एक स्विस कंपनी पहली बार अंतरिक्ष में सफाई अभियान चलाएगी। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने कहा है कि वो स्विस स्टार्टअप के प्रतिनिधियों के साथ इस काम के लिए 8.6 करोड़ यूरो की डील पर दस्तखत कर रही है।