पश्चिम बंगाल में हिंसा को देखते हुए चुनाव आयोग ने किया ये बड़ा काम, देखकर हुए हैरान

पश्चिम बंगाल में 2019 लोकसभा चुनाव के पिछले सभी चरणों में हुई हिंसा की वारदातों  राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पों को देखते हुए चुनाव आयोग ने अंतिम चरण में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में शांतिपूर्ण  निष्‍पक्ष चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बलों की तक़रीबन 800 कंपनियां तैनात की गई हैं.

उल्लेखनीय है कि एक कंपनी में 80 से 150 जवान होते हैं. लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में पश्चिम बंगाल की नौ लोकसभा सीटों पर 19 मई को वोटिंग होनी है. चुनाव आयोग ने प्रचार के दौरान पश्चिम बंगाल में मंगलवार को हुई चुनावी हिंसा पर कठोर रुख अपना लिया है. चुनाव आयोग ने दंडात्मक कारवाई करते हुए एडीजी सीआइडी राजीव कुमार को त्वरित असर से कार्यमुक्त करके केंद्रीय गृह मंत्रालय पहुंचा दिया है, जबकि प्रदेश के प्रधान गृह सचिव अत्री भट्टाचार्य को भी हटा दिया गया है.

इसके साथ ही प्रदेश के चुनाव प्रचार में 19 घंटे की कटौती सूबे में आखिरी चरण के मतदान के लिए निर्धारित अवधि से एक दिन पूर्व, 16 मई को ही रात दस बजे से चुनाव प्रचार पर पाबन्दी लगा दी थी. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि छटवें चरण में पश्चिम बंगाल में मतदान के दौरान केंद्रीय बलों की 713 कंपनियां  कुल 71 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था, फिर भी मतदान के दौरान कई स्थानों पर चुनावी हिंसा देखी गई.