पति के आकस्मिक निधन के बाद मां बन गई कुली

पति के आकस्मिक निधन के बाद परिवार और बच्चों को संभालना मुश्किल हो गया था। मां नहीं चाहती थी कि बच्चे पति की तरह दूसरों का बोझ उठाएं। इसलिए मां ने खुद ही कुली का काम शुरू कर दिया।

यह कहानी है जबलपुर रेलवे स्टेशन की महिला कुली संध्या मरावी की। संध्या के पति भोलाराम का 2016 में निधन हो गया। वे कटनी रेलवे स्टेशन पर कुली थे।

इधर, कुंडम के जमगांव में रह रहा परिवार अचानक मुश्किलों में घिर गया। कुछ सोच-विचार के बाद संध्या सास और तीन बच्चों को लेकर जबलपुर आ गईं।

पति कटनी में कुली थे तो उनकी जगह कटनी में ही कुली के काम की शुरुआत कर दी। एक साल तक जबलपुर से कटनी अप-डाउन करती रहीं। चूंकि पति का काम करने का बेच (नंबर) कटनी का था तो अधिकारियों से गुजारिश कर बाद में जबलपुर स्थानांतरण करवा लिया।

तभी से संध्या जबलपुर स्टेशन पर कुली का काम कर रहीं हैं। संध्या कहती हैं, कुली के काम में कोई तय वेतन तो मिलता नहीं, कभी मजदूरी मिल जाती है तो कभी नहीं। इसलिए पार्ट टाइम जॉब भी करती हूं। ताकि बच्चों को अच्छी परवरिश दे सकूं।

घर और बाहर के काम के बीच जीवन में खुदके लिए कब वक्त मिलता है के सवाल पर मुस्कुराते हुए कहती हैं- यही जीवन है।