पकिस्तान ने हाफिज सईद को नहीं दी ये इजाजत, जानिए ये है वजह

मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद बुधवार को ईद के मौके पर लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में सामूहिक तौर पर नमाज पढ़ना चाहता था.

लेकिन, पाक के पंजाब प्रांत की सरकार ने उसे इसकी मंजूरी देने से साफ मना कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईएमएफ से लोन की वार्ता के चलते पाक सरकार किसी भी स्तर पर आतंकवादियों की पैरोकार नहीं दिखना चाहती  इसीलिए उसने आतंकवादी संगठनों से कथित तौर पर दूरी बनाना प्रारम्भ कर दी है. सरकार से मंजूरी ना मिलने के बाद हाफिज ने लाहौर की एक लोकलमस्जिद में ईद की नमाज का आयोजन किया.

जिद करता तो होती गिरफ्तारी
कई वर्ष से जमात-उद-दावा का प्रमुख सईद ईद पर गद्दाफी स्टेडियम में ही नमाज का आयोजन करता आ रहा था. यह उसका पसंदीदा जगह है. नमाज के बाद वो यहां भड़काउ सम्बोधन भी देता था. इस बार ऐसा नहीं हो सका. न्यूज एजेंसी से वार्ता में एक अधिकारी ने कहा, “सरकार ने उसे एक दिन पहले ही बता दिया था कि वो इस बार गद्दाफी स्टेडियम में नमाज का आयोजन नहीं कर सकता. अगर वो जिद करता तो उसकी गिरफ्तारी हो सकती थी. हम जानते थे कि सईद के पास सरकार के आदेश का पालन करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था.

वक्त बदल गया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सईद वर्ष में दो बार गद्दाफी स्टेडियम में इस तरह के आयोजन करता था. नमाज के बाद वो कश्मीर  हिंदुस्तान को लेकर भड़काउ सम्बोधन भी देता था. पहले सरकार उसे पूरी सुरक्षा भी मुहैया भी कराती थी लेकिन अब दशा बिल्कुल अलग हो चुके हैं. 10 दिसंबर 2008 को संयुक्त देश ने सईद के संगठन पर बैन लगा दिया था.

पाकिस्तान सरकार मजबूर
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीफ उन राष्ट्रों पर नजर रखती है जिन पर ये शक होता है कि वो आतंकवादियों को पनाह  आर्थिक मदद देते हैं. इस संगठन ने पाक को ग्रे लिस्ट में रखा है  संभावना है कि अगर पाक ने आतंकवादी संगठनों पर सख्ती नहीं की तो उसे ग्रे से ब्लेक लिस्ट में भी डाला जा सकता है. बेहद खस्ता आर्थिक दशा से जूझ रहा पाकअगर ब्लेक लिस्ट में आ गया तो उसे अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहायता नहीं मिल पाएगी.  अगर ऐसा हुआ तो देश में दशा काबू से बाहर हो जाएंगे. आईएमएफ पाक को कड़ी शर्तों पर लोनदेने के लिए तैयार दिख रहा है  इसकी लिए वार्ता अंतिम दौर में है. इसलिए आतंकवादी संगठनों पर इमरान सरकार सख्ती दिखा रही है.