तमिलनाडु के प्रमुख नेता वी गोपालस्वामी या वाइको को चेन्नई की न्यायालय ने राजद्रोह के मुद्दे में दोषी ठहराते हुए एक वर्ष की सजा सुनाई है।
वाइको को 2009 में उनकी एक पुस्तक लॉन्च के मौके पर उनके द्वारा की गई टिप्पणी के लिए दोषी ठहराया गया। पुस्तक के लॉन्च के दौरान वाइको ने बोला था, ‘श्रीलंका में लिट्टे के विरूद्ध युद्ध को नहीं रोका गया तो हिंदुस्तान एक देश नहीं रहेगा। ‘ उन पर हिंदुस्तान की संप्रभुता के विरूद्ध बोलने का आरोप लगाया गया था।
यह मुद्दा डीएमके द्वारा दायर किया गया था, जो कि अपने आप में विडंबनापूर्ण है, क्योंकि इसी हफ्ते वाइको को डीएमके द्वारा राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है ववह कल नामांकन दाखिल करने वाले थे। वाइको 15 वर्ष बाद संसद में वापसी करने जा रहे थे।
बता दें कि एमडीएमके के पास राज्यसभा मेम्बर का चुनाव लड़ने के लिए कोई विधायक नहीं है, लेकिन उसे लोकसभा चुनाव में किए गए गठबंधन की डील के तहत डीएमके द्वारा एक सीट की पेशकश की गई थी। बता दें कि लोकसभा चुनाव में डीएमके ने तमिलनाडु की 38 में से 37 सीटों पर जीत दर्ज की है।
वाइको जब डीएमके के साथ थे, तब वह तीन बार राज्यसभा के सांसद रहे। वे शिवकाशी से दो बार चुने गए। उनका अंतिम कार्यकाल 1999 से 2004 तक था।
बता दें कि पेशे से एडवोकेट व प्रभावशाली वक्ता वाइको को 2002 में जयललिता के कार्यकाल के दौरान एलटीटीई का समर्थन करने के लिए पोटा के तहत हिरासत में लिया गया था।उन्होंने करीब एक वर्ष कारागार में गुजारा था। 2014 में उनके विरूद्ध मुद्दा वापस ले लिया गया था।