पूर्व न्यायाधीश ने बोला है कि, ‘‘मुझे नहीं पता आपका दूरी से क्या अर्थ है? उन्होंने बोला है कि क्या आप यह कह रहे हैं कि मुझे पीएम मोदी को चेहरा नहीं दिखाना चाहिए? पीएम को सार्वजनिक समारोह में आमंत्रित करने में कुछ भी गलत नहीं था। शीर्ष न्यायालय के दरवाजे खोलना हर तरह से सही था। ’’ उनसे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के पीएम मोदी की सीजेआई का अदालती कक्ष देखने की ख़्वाहिश होने पर सहमत होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए बोला कि, ‘‘आप इसमें बहुत अधिक गहराई में जा रहे हैं व इस मामले को काफी खींच रहे हैं। ’’ उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने 25 नवंबर को बिमस्टेक राष्ट्रों (बांग्लादेश, भूटान, म्यांंमार, नेपाल व थाईलैंड) के न्यायमूर्ति के लिए आयोजित रात्रि भोज में पीएम को न्योता दिया गया था।
न्यायमूर्ति एमबी लोकूर ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा CBI मामले व राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या मामले में मालिकाना हक टकराव की सुनवाई आदि के सवालों पर कोई उत्तर नहीं दिया। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ बागी तेवर दिखाते हुए 12 जनवरी, 2018 को प्रेस बातचीत करने वाले शीर्ष न्यायालय के चार वरिष्ठ नययमूर्तियों में शामिल लोकूर ‘द लीफलेट’ की तरफ से ‘भारतीय न्यायपालिका की स्थिति’ विषय पर आधारित किए गए एक सत्र पर बोल रहे थे।