नेपाल भारत के बीच बढ़ रही नजदीकियों को देख परेशान हुआ चीन, करने जा रहा …

चीन के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है क्योंकि ‌भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल नरवाणे के नेपाल दौरे की घोषणा के समय ही भारत के साथ किसी तरह का विवाद ना हो इसके लिए तत्कालीन रक्षा मंत्री से उनका विभाग छीन लिया था.

 

जनरल नरवाणे के नेपाल दौरा के समय प्रधानमंत्री ओली ने उनसे प्रधानमंत्री रक्षामंत्री दोनों की हैसियत से मुलाकात की थी. इसी कारण चीन यह चाहता था कि उनके रक्षा मंत्री के नेपाल भ्रमण के दौरान प्रधानमंत्री ओली उनसे उनके प्रतिनिधि मंडल से रक्षा मंत्री के तौर पर द्विपक्षीय वार्ता करे। लेकिन ओली ने इससे इंकार कर दिया.

चीन ने यह इच्छा जताई थी कि प्रधानमंत्री ओली जिनके पास रक्षा मंत्रालय भी है, उनके साथ ही प्रतिनिधिमंडल स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता हो. लेकिन नेपाल के प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्री के नाते चीन के रक्षा मंत्री से मिलने से इंकार कर दिया.

ओली सिर्फ प्रधानमंत्री के रूप में ही चीनी रक्षा मंत्री से शिष्टाचार मुलाकात करेंगे. नेपाल के तरफ से द्विपक्षीय वार्ता के लिए उपप्रधानमंत्री तथा पूर्व रक्षा मंत्री ईश्वर पोखरेल को जिम्मेदारी दी थी लेकिन चीन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा कर नेपाल के प्रधान सेनापति जेनरल पूर्णचन्द थापा के साथ ही द्विपक्षीय वार्ता सीमित किया है.

नेपाल ‌ भारत के बीच हो रहे इन उच्च स्तरीय भ्रमण दोनों देशों के बीच रिश्तों में आ रहे सुधार से चीन परेशान हो उठा है. नेपाल भारत के बीच बढ़ती नजदीकियों अपने कम होते प्रभाव को फिर से बहाल करने के लिए चीन के तरफ से अगले 10 दिन में दो बड़े प्रभावशाली मंत्रियों का नेपाल दौरा होने जा रहा है.

इसी क्रम में आज चीन के रक्षा मंत्री काठमांडू पहुंचे हैं. अपने 9 घंटे की यात्रा के दौरान वो नेपाल के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नेपाली सेना के प्रधान‌ सेनापति से मुलाकात करने वाले हैं.

उसके बाद भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल नरवाणे को नेपाल में उच्च महत्व के साथ तीन दिन का भ्रमण कराया. इसके तुरन्त बाद यानि 26-27 नवम्बर को भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का दो दिवसीय नेपाल यात्रा काफी सफल रहा. इसके बाद दिसम्बर के दूसरे हफ्ते में नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली का नई दिल्ली का दौरा होना है.

हाल ही में हुए भारतीय सेनाध्यक्ष भारतीय विदेश सचिव के दौरे को काउंटर देने के लिए चीन ने‌ आज अपने रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगी को नेपाल भेजा है. नेपाल सरकार के तरफ से भारत के साथ अपने कूटनीतिक राजनीतिक रिश्तों को सुधारने के लगातार प्रयास से चीन को चिंता में डाल दिया है.

नेपाल भारत के बीच करीब एक साल तक चले सीमा विवाद संवादहीनता को तोड़ते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने सबसे पहले रॉ चीफ सामन्त गोयल को बुला कर बातचीत की.